बांग्लादेश की लोअर कोर्ट के ये सभी 50 जज मध्य प्रदेश की राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी में एक दिन की ट्रेनिंग लेने वाले थे। इन जजों के ट्रेनिंग कार्यक्रम का पूरा खर्चा भारत सरकार उठाने वाली थी। लेकिन बांग्लादेश ने अपने जजों को भारत भेजने से इनकार कर दिया है।
नई दिल्ली। भारत के विरोध में अंधे हो चुके बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने आत्मघाती फैसला लिया है। यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने ट्रेनिंग के लिए भारत आने वाले 50 जजों के कार्यक्रम को कैंसिल कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश के कानून मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। बता दें कि ये सभी जज भारत में ट्रेनिंग के लिए आने वाले थे, उन्हें 10 फरवरी को आना था।
जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश की लोअर कोर्ट के ये सभी 50 जज मध्य प्रदेश की राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी में एक दिन की ट्रेनिंग लेने वाले थे। इन जजों के ट्रेनिंग कार्यक्रम का पूरा खर्चा भारत सरकार उठाने वाली थी। लेकिन बांग्लादेश ने अपने जजों को भारत भेजने से इनकार कर दिया है। विदेशी मामलों के विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा फैसला लेकर मोहम्मद यूनुस सरकार ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है।
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2024 के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्ते बिगड़े गए। 5 अग्सत को बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना छात्र आंदोलन के हिंसक होने के बाद अपने पद से इस्तीफे देकर भारत आ गई थीं। इसके बाद बांग्लादेश में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन होता है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार देश के कट्टरपंथियों के आगे पूरी तरह से नतमस्तक हो गई। इस वक्त बांग्लादेश में कट्टरपंथियों का बोलबाला है। पूरे देश में हिंदुओं पर पिछले कई महीनों से जुल्म ढाए जा रहे हैं। कई इलाकों में हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया है। बड़ी संख्या में बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू विस्थापित भी हुए हैं। भारत सरकार कई बार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को कह चुका है कि वो अपने देश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।