नई दिल्ली : पाकिस्तानी सरकार धीरे-धीरे बांग्लादेश पर अपनी पकड़ मजबूत कर रही है और इसका प्रभाव भी धीरे-धीरे सामने आ रहा है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति यूनुस ने अब आदेश जारी किया है कि सरकारी रेडियो स्टेशन बांग्लादेश बेतार पर कोई भी ऐसा गाना या सामग्री प्रसारित नहीं की जाएगी, जिसमें पाकिस्तान और बंगालियों के नरसंहार की निंदा की गई हो।
सभी सरकारी रेडियो और टीवी चैनलों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अब बांग्लादेश की आज़ादी की लड़ाई के दौरान पाकिस्तानियों द्वारा 30 लाख बंगालियों की हत्या और लाखों लड़कियों और महिलाओं के साथ बलात्कार के बारे में कोई जानकारी प्रसारित न करें। यूनुस सरकार का मानना है कि बांग्लादेश के नरसंहार के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। अब सवाल यह है कि क्या बांग्लादेश की जनता पाकिस्तान के द्वारा किए गए नरसंहार को भूल पाएगी? इस बीच, iTV नेटवर्क ने इस मुद्दे पर एक सर्वेक्षण किया है। आइए जानते हैं सर्वे के नतीजे…
1- यूनुस सरकार का बांग्लादेशी सरकारी मीडिया को 1971 के पाकिस्तानी नरसंहार के वीडियो और तस्वीरें ना दिखाने, नष्ट करने का आदेश, मायने क्या?
पाकिस्तान से दोस्ती 33.00 %
मुजीबुर्रहमान के प्रति नफरत 14.00 %
आज़ादी के संघर्ष को नकारना 40.00 %
कह नहीं सकते 13.00 %
2- यूनुस सरकार ने पाकिस्तानी जिन्ना, ज़ुल्फ़िकार भुट्टो, अयूब खान की निंदा पर भी रोक लगा दी है, मकसद क्या?
पाकिस्तान का पिछलग्गू बनना 33.00 %
मुजीबुर्रहमान की विरासत खत्म करना 57.00 %
कह नहीं सकते 10.00 %
3- 1971 के दौरान 2 लाख महिलाओं से रेप, ढाका की सड़कों पर पाकिस्तानियों के कत्लेआम को युनूस भूल गएं हें
हां 62.00 %
नहीं 34.00 %
कह नहीं सकते 04.00 %
4- क्या शेख हसीना और उनके पिता मुजीबुर्रहमान से जुड़ी हर विरासत को चिढ़ में यूनुस सरकार नष्ट करना चाहती है
हां 66.00 %
नहीं 31.00 %
कह नहीं सकते 03.00 %
5 क्या बांग्लादेश की जनता पाकिस्तान के नरसंहार को भूल पाएगी ?
हाँ 36.00 %
नहीं 63.00 %
कह नहीं सकते 01.00 %
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