नई दिल्ली : बचपन में हर कोई जासूस बनना चाहता है। कुछ तो बड़े होकर अपनी खुद की एजेंसी भी खोल लेते हैं। जब भी खुफिया एजेंसियों की बात की जाती है, तो सबसे पहले मोसाद का नाम आता है। मोसाद को दुनिया की सबसे खतरनाक और प्रभावशाली खुफिया एजेंसियों में से एक माना जाता […]
नई दिल्ली : बचपन में हर कोई जासूस बनना चाहता है। कुछ तो बड़े होकर अपनी खुद की एजेंसी भी खोल लेते हैं। जब भी खुफिया एजेंसियों की बात की जाती है, तो सबसे पहले मोसाद का नाम आता है। मोसाद को दुनिया की सबसे खतरनाक और प्रभावशाली खुफिया एजेंसियों में से एक माना जाता है। यह इजरायल की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है। यह एजेंसी अत्यधिक गोपनीयता, साहसिक मिशन और घातक ऑपरेशन के लिए जानी जाती है। मोसाद का नाम सुनते ही दिमाग में दुनिया के सबसे बेहतरीन और खतरनाक जासूसों की छवि उभरती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन जासूसों को मोसाद से कितनी सैलरी मिलती है? आइए आज हम आपको बताते हैं…
रिपोर्ट के अनुसार मोसाद के जासूस बेहद खास होता हैं। ये लोग सिर्फ किसी भी सामान्य जासूस की तरह नहीं होते, बल्कि उन्हें चुनने की प्रक्रिया बेहद कठिन और चुनौतियों से भरी होती है। मोसाद अपने जासूसों को उनकी मानसिक और शारीरिक ताकत के आधार पर नहीं चुनते ,बल्कि उनके अंदर रणनीतिक सोचन साहस और देश के प्रति निष्ठा भी होना जरुरी है।
मोसाद जासूसों की जिंदगी आसान नहीं होती। उन्हें हमेशा खतरे का सामना करना पड़ता है। हर मिशन में उनकी जान दांव पर लगी रहती है और कई बार उन्हें अपनी पहचान भी छिपानी पड़ती है। कई बार उन्हें अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है और यहां तक कि उनके करीबी भी उनकी जिंदगी के बारे में बहुत कम जानते हैं।
आपको बता दें कि मोसाद की स्थापना 13 दिसंबर 1949 को हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोसाद जासूसों को अच्छी खासी सैलरी और कई सुविधाएं मिलती हैं। मोसाद जासूसों के वेतन की बात करें तो औसत 223124 ILS है। जो करीब 47 लाख भारतीय रुपए है। मोसाद में काम करने के लिए कड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोसाद में शामिल होने के लिए इजरायली नागरिक होना जरूरी है। इन जासूसों के पास इंजीनियरिंग, कंप्यूटर जैसे विषयों में डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा मोसाद एजेंट बनने के लिए पूर्व सैन्यकर्मियों को प्राथमिकता दी जाती है। इस एजेंसी के जासूसों को दुनिया की कई भाषाओं का ज्ञान होता है।