SCO Summit: भारत नहीं आएंगे शी जिनपिंग, वर्चुअली रूप से करेंगे एससीओ बैठक

नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है. जिसपर सभी की नज़रें टिकी हुई हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस बैठक में शामिल होने जा रहे हैं. इसी कड़ी में बड़ी खबर सामने आ रही है कि चीन के राष्ट्रपति इस बैठक में […]

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SCO Summit: भारत नहीं आएंगे शी जिनपिंग, वर्चुअली रूप से करेंगे एससीओ बैठक

Riya Kumari

  • June 30, 2023 1:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है. जिसपर सभी की नज़रें टिकी हुई हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस बैठक में शामिल होने जा रहे हैं. इसी कड़ी में बड़ी खबर सामने आ रही है कि चीन के राष्ट्रपति इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से शामिल होंगे.

पहली बार जारी किया अधिकारिक बयान

SCO बैठक को लेकर चीन की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है जिसमें ऐलान किया गया है कि 4 जुलाई को होने वाली काउंसिल ऑफ हेड की 23वीं बैठक में चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग पीएम नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर शामिल होंगे. हालांकि इसके लिए वह भारत नहीं आएंगे बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही बैठक का हिस्सा बनेंगे. इस दौरान वह कई मुद्दों पर बाकी देशों के आगे अपने विचार साझा करेंगे. SCO बैठक में चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के शामिल होने की चर्चाओं के बीच चीन की ओर से ये पहला बयान है जो जारी किया गया है.

क्या है SCO ?

बता दें, SCO प्रभावशाली आर्थिक और सिक्योरिटी ब्लॉक माना जाता है. ये संगठन अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक बनकर उभरा है जिसकी स्थापना साल 2021 में शिखर सम्मलेन के दौरान की गई थी. उस समय रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तानस ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने मिलकर इसकी स्थापना की थी जिसमें बाद में साल 2017 में भारत और पाकिस्तान की एंट्री हुई. इस साल SCO की अध्यक्षता भारत कर रहा है.

नई दिल्ली हॉल का उद्घाटन

दूसरी ओर बीजिंग के एससीओ सचिवालय में एक नई दिल्ली हॉल का उदघाटन भी किया गया. SCO के बाकी के सदस्य देशों रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान पहले से ही अपने-अपने हॉल का उदघाटन कर चुके हैं जो उनके देश की संस्कृति और कल्चर को दर्शाते हैं. जी20 सम्मेलन की मेजबानी सितंबर में भारत करेगा जिसके लिए रूस और चीन के राष्ट्रपति पुतिन और जिनपिंग के अलावा सभी देशों को निमंत्रण भेजा गया है.

 

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