साउथ सूडान के जुबा एयरपोर्ट में कोई सुरक्षा स्कैनिंग नहीं होती है और न ही लोगों को बैठने खाने पीने की कोई सुविधा है. यहां लोग टेंट में बैठकर घंटो लेट से आने वाले हवाई जहाज का इंतजार करते हैं. यहां तक कि इस हवाई अड्डे पर शौचालय और खाने पीने का इंतजाम भी नहीं है.
नई दिल्ली. आपने विश्वभर में कई खूबसूरत और महंगे एयरपोर्ट देखे होंगे लेकिन कैसा हो अगर हम आपको एक ऐसे एयरपोर्ट के बारे में बताएं जिसकी स्थिति किसी लोकल बस स्टॉप से बद्तर है तो आप क्या कहेंगे. दरअसल साउथ सूडान में जुबा एयरपोर्ट कुछ ऐसा ही है जहां आने वाले प्लेन अक्सर देरी से आते हैं और उसके इंतजार में यात्री बिना शौचालय और खाने पीने की व्यवस्था के धूप में घंटों पसीना बहाते हैं. आधी टूटी हुई कुर्सी भी किसी यात्री को मिल जाए तो वह खुशनसीब होता है. गंदा पानी जमा रहने का कारण बीमारियां पनपती हैं. वहां किसी सामान की स्कैनिंग भी नहीं की जाती. ऐसे में किसी का हथियारों के साथ के सफर करना भी मुमकिन हो जाता है. लोग टेंट में बैठ कर इंतजार करते हैं देरी से आने वाले जहाजों का इंतजार करते हैं.
साउथ सुडान में युद्ध जारी है ऐसे में यूएन के जहाज एमरजेंसी के समान के साथ इसी एयरपोर्ट से निकलते हैं. इस एयरपोर्ट पर तीन टर्मिनल हैं जबकि उपयोग में सिर्फ एक ही है.2011 में साउथ सूडान के आजाद होने के बाद सरकार ने कांच स्टील और कंक्रीट का नया एयरपोर्ट बनाने पर विचार किया था लेकिन साल 2012 में फंड की कमी के कारण काम को रोक दिया गया. 2016 में सरकार ने फिर ये कोशिश की लेकिन यह काम भी अधूरा रहा गया औप आखिरकार लोगों को टेंट का प्रयोग करना पड़ा. साल 2017 में पूरे जूबा को ही विश्व में सबसे खराब स्थिति में बताया गया था. स्थिति और भी बदतर है इसलिए इन तस्वीरों को बेहतर कहा जा सकता है.