नई दिल्ली, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा विश्व सैन्य खर्च को लेकर नए आंकड़े जारी किये गए हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल विश्व के सैन्य बजट में भारी उछाल देखा गया है. भारत श्रेणी में तीसरा सबसे खर्चीला स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा सोमवार को जारी किये बयान […]
नई दिल्ली, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा विश्व सैन्य खर्च को लेकर नए आंकड़े जारी किये गए हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल विश्व के सैन्य बजट में भारी उछाल देखा गया है.
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा सोमवार को जारी किये बयान में विश्व सैन्य खर्च 2021 के आंकड़ों को बताया गया. जहां दुनिया का रक्षा खर्च पिछले साल 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर रहा. इंस्टीट्यूट के मुताबिक इस सूची में शीर्ष तीन खर्चीले राष्ट्रों में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और भारत का नाम शुमार है. जहां जारी बयान में बताया गया है कि कुल वैश्विक सैन्य व्यय 2021 में 0.7 प्रतिशत बढ़कर 2113 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया. इन पूरे व्यय में सबसे ज़्यादा हिस्सा पांच बड़े देशों का रहा जो कुल 62 प्रतिशत था. इन देशों की सूची में अमेरिका, चीन, भारत, यूनाइटेड किंगडम और रूस शामिल हैं.
SIPRI के रक्षा खर्च और शस्त्र उत्पादन कार्यक्रम के वरिष्ठ शोधकर्ता डॉ डिएगो लोप्स डा सिल्वा बताते हैं कि कोरोना महामारी के आर्थिक नतीजों के बावजूद भी विश्व भर के रक्षा खर्च में बदलाव देखा गया. उन्होंने आगे बताया कि मुद्रास्फीति के कारण वास्तविक विकास दर मंदी रही फिर भी सैन्य खर्च में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई. कोरोना महामारी के बाद आर्थिक सुधार के परिणामस्वरूप, रक्षा खर्च वैश्विक जीडीपी का 2.2 प्रतिशत था. वहीं एक वर्ष पूर्व 2020 में यह आंकड़ा 2.3 प्रतिशत तक था.
भारत के सैन्य खर्च की बात करें तो पिछले साल ये व्यय 76.6 बिलियन अमरीकी डॉलर के साथ विश्व में तीसरे स्थान पर रहा था. 2020 की तुलना में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी है. SIPRI के अनुसार, भारत का ये खर्च दुनिया में तीसरे स्थान पर है. साल 2012 की तुलना में यह व्यय 33 प्रतिशत तक अधिक है. दूसरी तरफ ब्रिटेन की बात करें तो पिछले साल रक्षा पर 68.4 अरब डॉलर का खर्च किया गया. ब्रिटेन का रक्षा खर्च 2020 से तीन प्रतिशत अधिक रहा. चीन के सैन्य खर्च की बात करें तो पिछले साल यह विश्व में दूसरे स्थान पर रहा. चीन का कुल खर्च 293 बिलियन अमरीकी डालर हैं, यह 2020 की तुलना में 4.7 अधिक है.
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