दुनियाभर में हर साल 7 जून को ‘वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे’ मनाया जाता है. इस दिन को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य आम जनता में खाने के प्रति सुरक्षा जागरुकता फैलानें के लिए होता है. आज के समय में लोगों को खानें की वजह से कई तरह की गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है. इस दिन को इस रूप में भी सेलिब्रेट किया जाता है कि सभी लोगों को साफ, सुरक्षित और पोष्टिक भोजन मिल सके. पूरे विश्व में व्याप्त भुखमरी और गरीबी को देखते हुए इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक दुनियाभर के लगभग 60 लाख लोग प्रतिवर्ष दूषित खाना खाकर बीमार पड़ जाते हैं. तो वहीं तकरीबन चार लाख लोगों की दूषित खानें से मौत तक हो जाती है. दुनियाभर में सभी को खानें का अधिकार है लेकिन दूषित और गंदे से खानें से वायरस, पैरासाइट, बैक्टीरिया और केमिकल होते हैं. जिससे मानव शरीर में लगभग 200 बीमारियां फैल जाती हैं. दूषित खानें से डायरिया और कैंसर तक गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं.
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे का मुख्य उद्देश्य आम पब्लिक के बीच जागरुकता फैलाना है. जिससे जागरुक होकर ये पहचान कर सके कि वे जो खाना खा रहे हैं वो खाने योग्य है या नहीं.
सरकार,बिजनेस, ग्राहकों को प्रति जागरुकता पैदा करना भी है जिससे लोग दूषित को न बेचें और दूषित खाना खरीदनें से बच सके. इसके अलावा खाना बनाते वक्त भी लोग साफ सफाई का ध्यान रखें. साल 2024 के लिए वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे की थीम, ‘फूड सेफ्टी’ रखा गया है.
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