म्यांमार में हालात ऐसे हो गए हैं कि डॉक्टर और टीचर बन चुकी कई महिलाएं अब घर चलाने के लिए अपना शरीर बेचने को मजबूर हैं। कोविड के कारण सेना के सत्ता संभालने के बाद महंगाई लगातार बढ़ती रही है, जिसके कारण पढ़ी-लिखी महिलाओं को वैश्यवृत्ति करनी पड़ रही है।
नई दिल्लीः म्यांमार में हालात ऐसे हो गए हैं कि डॉक्टर और टीचर बन चुकी कई महिलाएं अब घर चलाने के लिए अपना शरीर बेचने को मजबूर हैं। बताया जाता है कि पहले से ही कोरोना महामारी से जूझ रहे देश को राजनीतिक संकट का भी सामना करना पड़ा और तब से अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में ऐसी ही एक महिला मे का जिक्र है। कोविड के कारण सेना के सत्ता संभालने के बाद महंगाई लगातार बढ़ती रही है। मे को अपने पिता का इलाज भी करवाना था जो किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। इसलिए मे ने वेश्यावृत्ति के धंधे में कदम रखा।
मीडिया से बातचीत में वह बताती हैं कि खराब हालात में उन्हें ‘डेट गर्ल्स’ के बारे में पता चला, जो उनसे ज्यादा कमा रही थीं। इसमें पुरुषों के साथ सेक्स भी शामिल था। मे कहती हैं, ‘डॉक्टर बनने के लिए सालों पढ़ाई करने के बावजूद मुझे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऐसा काम करना पड़ रहा है।’
रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर, टीचर, नर्स आदि व्हाइट कॉलर जॉब में शामिल कई महिलाएं सेक्स वर्कर बन गई हैं। हालांकि, ऐसी कितनी महिलाएं हैं, इसका स्पष्ट आंकड़ा मिल पाना मुश्किल है, लेकिन बताया जाता है कि सड़कों पर घूमने वाली महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। आधा दर्जन महिलाओं का कहना है कि पढ़ी-लिखी महिलाएं आजीविका चलाने के लिए पुरुषों के साथ सेक्स कर रही हैं।
आंकड़े बताते हैं कि साल 2026 तक कपड़ों की फैक्ट्रियों में 16 लाख महिलाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था। ये फैक्ट्रियां कई ग्रामीण महिलाओं के लिए लाइफलाइन की तरह थीं। हालांकि, अब कई फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं और तख्तापलट के बाद उनकी कंपनियां भी म्यांमार छोड़कर चली गई हैं।
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