नई दिल्ली. अफ़ग़निस्तान में तालिबानी कब्ज़े के बाद इंतज़ार इस बात का है कि दुनिया के तमाम देश कब तक बन्दूकधारी सत्ता को मान्यता देते हैं. कोरोना के कहर और तालिबान राज के बीच पीएम मोदी 22 सितंबर से अमेरिकी दौरे पर होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 सितम्बर की देर रात अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन […]
नई दिल्ली. अफ़ग़निस्तान में तालिबानी कब्ज़े के बाद इंतज़ार इस बात का है कि दुनिया के तमाम देश कब तक बन्दूकधारी सत्ता को मान्यता देते हैं. कोरोना के कहर और तालिबान राज के बीच पीएम मोदी 22 सितंबर से अमेरिकी दौरे पर होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 सितम्बर की देर रात अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन ( PM Modi UN Speech 2021 ) डीसी में उतरेंगे. बताया जा रहा है वहां पीएम की कई बैठकें हैं.
कोरोना के कहर और अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबानी क्रूरता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका जा रहे हैं. ऐसे में विश्व तमाम देशों की नज़र प्रधानमंत्री के सम्बोधन पर होगी. पीएम 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करेंगे. वहीँ, इससे एक दिन पहले राष्ट्रपति जो बाइडन व्हाइट हाउस में पीएम मोदी की अगवानी करेंगे. प्रधानमंत्री के अमेरिकी दौरे को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने कहा कि यूएन में 25 सितंबर को होने वाली पीएम नरेंद्र मोदी की स्पीच का पूरी दुनिया को इंतजार है.
उन्होंने कहा, दुनियाभर में सबसे ज्यादा जिन नेताओं की स्पीच का इंतजार रहता है, पीएम मोदी उनमें से एक हैं. दरअसल, प्रधानमंत्री अपने प्रभावी भाषण के लिए जाने जाते हैं. विकसित देशों की बातें विशेषकर वे जोरदार तरीके से वैश्विक मंच पर रख लेते हैं लेकिन विकासशील देशों की प्रखर आवाज़ के रूप में पीएम मोदी जाने जाते हैं. यही वज़ह है कि सुरक्षा परिषद के सदस्य भी भारत की बातों को गंभीरता से सुनते हैं.