नई दिल्ली: कतर में FIFA वर्ल्ड कप का आगाज़ होते ही शराब को बैन कर दिया।मेजबान कतर के एक फैसले ने सभी को चौंका कर रख दिया. क़तर ने अचानक से स्टेडियम में बीयर समेत अल्कोहल के तमाम प्रोडक्ट्स की बिक्री पर पाबंदी लगा दी. इस फैसले के बाद से कई लोगों ने इसकी सराहना की तो कई सारे लोग इसकी आलोचना करते हुए भी नजर आए. इस पर क़तर का कहना है कि हम दुनियाभर से आने वाले लोगों का स्वागत करते हैं लेकिन यहाँ पर आने वाले लोगों से ऐसी इश्तियाक है कि पर्यटकों को हमारे मजहब और परंपरा का सम्मान करना चाहिए.
इस बारे में हम सभी को जानकारी है कि इस्लाम में शराब को लेकर किसी तरह की रियायत नहीं है. आइये आपको शरीयत और कुरान के आधार पर बताते हैं कि शराब पर कुरान क्या कहती है?
इस्लाम में शराब पीने से लेकर बेचना हराम माना गया है. इसके बारे में तमाम इस्लामिक विद्वान और मुस्लिम धार्मिक अधिकारी क़ुरान-ए-पाक की एक आयत का जिक्र करते हैं, जिसमें शराब को ‘शैतान का काम ’ बताया गया है और सभी मुसलमानों को इससे बचने के लिए कहा गया है. इसके बाद लोग पैगंबर मोहम्मद के सुन्नत का हवाला देते हैं.
वैसे तो इस्लाम में शराब हराम है लेकिन सभी इससे परहेज नहीं करते हैं. कुछ अकेले में तो कुछ खुले में इसका सेवन करते हैं. दुनियाभर के मुसलमानों पर किये गए एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि ज्यादातर लोगों की यह राय थी कि शराब पीना गलत है. जिन देशों में यह सर्वेक्षण किया गया, उनमें थाईलैंड, घाना, मलेशिया, फिलीस्तीनी क्षेत्र, इंडोनेशिया, नाइगर और पाकिस्तान जैसे मुल्क शामिल थे. इन देशों में बड़े तबके का यही मानना था कि शराब गलत है. वहीं कुछ लोगों की राय इसके उल्ट थी.
आपको बता दें, इस्लामिक देशों में भी शराब की बिक्री होती है लेकिन इसको लेकर नियम और कायदों में फर्क होता है. बता दें, इसकी बिक्री और सेवन को लेकर भी अलग-अलग नियम बनाए हुए है. मिसाल के तौर पर सऊदी अरब जैसे मुल्क में शराब पीने से लेकर इसकी खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह से पाबंदी है. ऐसा करने पर कोड़े मारने की सजा, कैद, जुर्माना और विदेशियों को देश से निकालने की सजा का प्रावधान है.
जानकारी के लिए बता दें, कुछ इस्लामिक स्थानों में शराब को लेकर रियायत भी दी गई है, जैसे: दुबई और संयुक्त अरब अमीरात. दुबई के बारे में तो आपने सुना ही होगा। यहाँ के नाईट बार, नाइटक्लब और लाउंज हमेशा से सुर्ख़ियों में शुमार रहे हैं. इसी तरह जॉर्डन में भी दुकानों में शराब आसानी से बेची जाती है, और तमाम बार, रेस्तरां आदि में भी इसे परोसा भी जाता है. इजिप्ट में भी शराब को लेकर कोई मसला नहीं हैं. यहाँ पर भी युवा और अमीर लोग बार, क्लब और समुद्र किनारे शराब की चुस्कियां लेते दिखाई देते हैं. लेकिन इन सब के बाद भी तकरीबन 79 फीसद मुस्लिम शराब को गलत यानी कि हराम ठहराते हैं.
बता दें, क़तर भी सऊदी अरब की तरह ही इस्लाम के वहाबवाद को अपनाता है. वहाबवाद का हदफ़, बिदअतों (गलत या गैर इस्लामिक रीति रिवाजों) को मिटाना तथा इस्लाम को उसके असल हालत में कबूल करना है. यहाँ पर शराब की बिक्री और खपत पर कुछ नियम है. यहाँ पर होटल और बार में सालों से शराब को बेचने की अनुमति है. वर्ल्ड कप के दौरान भी शाम के वक्त स्टेडियम में और फैन जोन में बियर बेचा जाना था. लेकिन सेरेमनी से पहले इस फैसले में तब्दीली कर दी गई और कहा गया कि स्टेडियम में सिर्फ गैर-अल्कोहल बियर ही मिलेगी।
बहरहाल, महंगे आतिथ्य क्षेत्रों में वाइन, शैंपेन, व्हिस्की व दूसरी अल्कोहल परोसी जा सकती हैं. लेकिन एक बड़े तबके तक इसकी पहुँच नहीं है. जानकारी के लिए बता दें, शराब पर पाबंदी कायम करने के मामले में कतर पहला देश नहीं है, इससे पहले भी साल 2014 में ब्राजील में शराब पर पाबंदी लगा दी गई थी. इसका उद्देश्य मैच के दौरान होने वाली हिंसा का रोकना था.
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