September 8, 2024
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ब्रिटेन के चुनाव में चार देश क्यों लेते हैं भाग, जानें कैसे होता है चुनाव?

नई दिल्ली : ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पहली बार चुनाव का एलान किया है. हालांकि इस कंजर्वेटिव सरकार का कार्यकाल 17 दिसंबर 2024 को समाप्त हो गया, जनवरी 2025 में चुनाव होने थे, लेकिन चुनाव अब 6 महीने पहले 4 जुलाई को होंगे. बता दें कि ब्रिटेन में कंजर्वेटिव सरकार 14 वर्षों से सत्ता में है, हालांकि सभी सर्वेक्षणों से पता चलता है कि इस बार उसका प्रदर्शन और भी ख़राब है, लेबर पार्टी को बढ़त है. ब्रिटेन का चुनाव आमतौर पर भारत के चुनावों की तरह ही होता है.

ब्रिटेन में चुनाव इस सदन के लिए हो रही है.

ब्रिटेन की संसद के 2 सदन हैं लेकिन इसके 3 भाग होते हैं – संप्रभु (the sovereign) , हाउस ऑफ लॉर्ड्स (the House of Lords) और हाउस ऑफ कामंस (the House of Commons). दरअसल कानून बनाने के लिए एक साथ काम करने वाले इन 3 भागों को किंग-इन-पार्लियामेंट कहा जाता है.

हाउस ऑफ कामंस संसद का निर्वाचित निचला सदन है, जिसमें 650 सीटों के लिए हर 5 साल पर चुनाव होते हैं. संवैधानिक परंपरा के मुताबिक प्रधानमंत्री समेत सभी सरकारी मंत्री हाउस ऑफ कामंस या हाउस ऑफ लॉर्ड्स (हालांकि ये कम होता है) के सदस्य होते हैं. अधिकांश कैबिनेट मंत्री कामंस से होते हैं, जबकि जूनियर मंत्री किसी भी सदन से हो सकते हैं.

वर्तमान ब्रिटिश सरकार का कार्यकाल 17 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है. अगला चुनाव 28 जनवरी 2025 तक होना चाहिए, क्योंकि चुनाव की तैयारी के लिए 25 कार्य दिवस आवंटित किए गए हैं. दरअसल चांसलर ऋषि सुनक पहले ही संसद को भंग करने का आह्वान कर चुके हैं, जिसका अर्थ है कि 4 जुलाई को चुनाव होने वाला है.

बता दें कि भारत की तरह ग्रेट ब्रिटेन में भी हर 5 साल में चुनाव होते हैं. चुनावी सर्वेक्षणों में लेबर पार्टी आगे चल रही है. 22 मई को जब चांसलर ऋषि सुनक ने डाउनिंग स्ट्रीट में चुनाव की घोषणा की तो उनके चेहरे पर उदासी थी. लेबर के पास फिलहाल औसतन 23 अंकों की भारी बढ़त है.

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