नई दिल्ली : तुर्की की राजधानी अंकारा के पास एक बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में अब तक 3 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग घायल हैं। सबसे खास बात यह है कि हमले का समय बहुत सोच-समझकर चुना गया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन इस समय देश […]
नई दिल्ली : तुर्की की राजधानी अंकारा के पास एक बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में अब तक 3 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग घायल हैं। सबसे खास बात यह है कि हमले का समय बहुत सोच-समझकर चुना गया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन इस समय देश में मौजूद नहीं हैं, वे बुधवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस पहुंचे हैं।
ऐसे में माना जा रहा है कि इस हमले को काफी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया है। रक्षा कंपनी को बनाया निशाना सबसे बड़ी बात यह है कि आतंकियों ने जिस तुर्की रक्षा कंपनी TUSAS को निशाना बनाया है, वह तुर्की की सबसे महत्वपूर्ण रक्षा और विमानन कंपनियों में से एक है। इसने तुर्की का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान KAAN बनाया है। इसके अलावा इस कंपनी ने खतरनाक ड्रोन समेत कई ऐसे सामरिक हथियारों का निर्माण किया है, जिससे तुर्की की सेना मजबूत हुई है। इन हथियारों के बल पर सेना देश के विद्रोही समूहों पर काबू पाने में सफल रही है।
तुर्की के अंकारा में हुए इस हमले का शक दो संगठनों पर है, जो आमतौर पर देश में आतंकी हमले करते रहे हैं। पहला- ISIL जो इस्लामिक स्टेट का ही एक हिस्सा है और दूसरा संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) है। तुर्की में पिछले एक दशक में इन दोनों संगठनों ने करीब 18 आतंकी हमले किए हैं। यही वजह है कि TUSAS में हुए आतंकी हमले का पहला शक इन्हीं दो समूहों पर जाता है।
तुर्की की एर्दोआन सरकार ने 2016 में तख्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद इन संगठनों के खिलाफ सख्ती दिखानी शुरू की थी। तुर्की सरकार ने रणनीतिक और योजनाबद्ध तरीके से इन समूहों की हमलावर क्षमता को खत्म करने का अभियान चलाया। सरकार ने ISIL और PKK से जुड़े सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि दावा किया जा रहा है कि सुरक्षा बलों ने TUSAS के बनाए हथियारों से PKK के कई बड़े नेताओं को मार गिराया।
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