क्राइस्टचर्च. Who Is New Zealand Mosques Mass shootings Mastermind: न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में हथियारबंद हमलावरों ने शुक्रवार को अंधाधुंध गोलीबारी की और 49 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने इस घटना को आतंकवादी घटना करार देते हुए देश के इतिहास का सबसे काला दिन बताया.
द न्यूजीलैंड हेराल्ड के मुताबिक, फायरिंग अल नूर मस्जिद और लिनवुड मस्जिद में हुई. 49 लोगों को मौत के घाट उतारने वाले मुख्य बंदूकधारी की पहचान ब्रैंटन टैरेंट के तौर पर हुई है, जो दक्षिणपंथी ‘आतंकवादी’ है. उसके पास ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता भी है. इस घटना के बाद ब्रैंटन समेत चार लोगों को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया है. इनमें से एक महिला भी है. इन हमलावरों ने मस्जिद में लोगों को गोली मारते हुए एक वीडियो भी बनाया है. 17 मिनट के इस वीडियो में वह अपनी गाड़ी से निकलता है. लोगों पर गोलियां बरसाकर फरार हो जाता है.
कौन है ब्रैंटन टैरेंट: मस्जिद हमलावर ग्रैफ्टन के नॉर्दन न्यू साउथ वेल्स सिटी के बिग रिवर जिम में पर्सनल ट्रेनर के तौर पर काम कर चुका है. जिम मैनेजर ट्रेसी ग्रे ने पुष्टि करते हुए कहा कि जिस शख्स ने हमले का वीडियो बनाया, वह टैरेंट ही है. 2009 में स्कूल खत्म होने के बाद उसने जिम में काम करना शुरू कर दिया था. इसके बाद 2011 में वह अकेले एशिया और यूरोप घूमने चला गया.
जब टैरेंट ने हाई स्कूल खत्म किया तो उसके पिता रोडनी की बीमारी के कारण मौत हो गई. ट्रेसी के मुताबिक उसके परिवार में एक बहन और मां है. टैरेंट की उम्र 28 साल बताई जा रही है. उसने मस्जिद में लोगों पर गोलियां बरसाने से पहले 37 पेज का एक मेनिफेस्टो भी लिखा है, जिसमें उसके खूनी अंजाम का पूरा जिक्र है. इस मेनिफेस्टो का शीर्षक ‘द ग्रेट रिप्लेसमेंट’ है और इसे मैसेज बोर्ड की वेबसाइट पर पोस्ट किया गया है.
ब्रैंटन का मेनिफेस्टो:
मेनिफेस्टो में ब्रैंटन ने खुद को सामान्य श्वेत इंसान बताया है, जो ऑस्ट्रेलिया में एक वर्किंग क्लास, कम आय वाले परिवार में पैदा हुआ. उसने इस दहला देने वाले खूनी कारनामे को अंजाम क्यों दिया? इस पर उसने कहा कि वह विदेशी आक्रमणकारियों के कारण मारे गए हजारों लोगों की मौत का बदला लेना चाहता है. ब्रैंटन ने इस हमले की योजना करीब दो साल पहले बनाई थी और कहां हमला करना है, यह तीन महीने पहले तय किया था. 37 पेज के दस्तावेज में उसने लिखा, ”मैं इको-फासीवादी बनने से पहले एक कम्युनिस्ट, फिर अराजकतावादी और अंत में एक उदारवादी था.”
बाल-बाल बची बांग्लादेश क्रिकेट टीम: इस हमले में बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी सुरक्षित बच निकले, जो हैग्ले पार्क के पास स्थित एक मस्जिद में नमाज पढ़ने गई थी. हमले के बाद दोनों देशों के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के आखिरी मैच को रद्द कर दिया, जिसे क्राइस्टचर्च में खेला जाना था.
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