नई दिल्ली, चीन की तमाम धमकियों और हमले के खतरे के बावजूद अमेरिका की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान पहुंचकर पूरी दुनिया को चौंका दिया. लाख कोशिशों के बाद भी चीन पेलोसी के ताइवान दौरे को रोक नहीं पाया. बता दें ये पहला मौका नहीं है, जब नैंसी ने अचानक लोगों को चौंकने पर मजबूर कर दिया. इससे पहले भी ऐसे कई वाकये हुए हैं, जब एक साथ पूरी दुनिया में उनके नाम की गूंज हुई. आइए जानते हैं कि आखिर अचानक ताइवान पहुँचने वाली अमरीकी स्पीकर नैंसी पेलोसी कौन हैं?
82 साल की नैंसी पेलोसी 5 बच्चों की मां और नौ बच्चों की दादी हैं, वो अक्सर कहती हैं कि उनका इरादा कभी सार्वजनिक क्षेत्र (राजनीति) में आने का था ही नहीं, हालांकि, वह एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं.
नैंसी के पिता थॉमस डी’एलेसेंड्रो जूनियर ने बाल्टीमोर के मेयर के रूप में काम किया है और उन्होंने पांच बार कांग्रेस में शहर का प्रतिनिधित्व भी किया. नैंसी के भाई थॉमस डी’एलेसेंड्रो III ने भी बतौर मेयर काम किया है. पेलोसी अक्सर अपने पिता के चुनावी अभियानों में भाग लेती थीं, ये भी कहा जाता है कि पेलोसी को वोट बटोरने में महारत हासिल है.
1. इराक युद्ध से लेकर 2008 के आर्थिक संकट से निपटने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
2. ओबामाकेयर बिल के पारित होने के दौरान उन्होंने बराक ओबामा का बढ़-चढ़कर साथ दिया था.
3. डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ डेमोक्रेट के विरोध का चेहरा बनीं थी.
1987 में पेलोसी पहली बार सदन के लिए चुनी गईं थी, उस समय 435 सदस्यों वाले सदन में सिर्फ 23 महिला प्रतिनिधि थीं. जनवरी 2007 में पेलोसी सदन की पहली महिला स्पीकर बनीं, इस दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि वो इस दिन का 200 सालों से ज्यादा समय से इंतजार कर रही थीं.
रूजवेल्ट, ट्रूमैन, कैनेडी, जॉनसन और क्लिंटन सहित कई राष्ट्रपति अपने सकारात्मक इरादों के बावजूद अमेरिका में व्यापक राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम लागू नहीं हो सका था लेकिन बराक ओबामा ने पद ग्रहण करते ही अफोर्डेबल केयर एक्ट को आगे बढ़ाने की कोशिश की, जिसे ओबामाकेयर के नाम से भी जाना जाता है. इस बिल को पारित कराने में नैंसी पेलोसी की मुख्य भूमिका थी.
पेलोसी डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ खड़े होने वालीं आखिरी शख्स थीं, नैंसी पेलोसी ने ये सुनिश्चित किया कि ट्रम्प दो बार महाभियोग चलाने वाले एकमात्र अमेरिकी राष्ट्रपति बनें. दूसरा प्रयास उनके कार्यकाल की समाप्ति से सिर्फ सात दिन पहले किया गया. जहां एक तरफ उनके उग्र व्यक्तित्व ने उन्हें हमेशा विरोध के निशाने पर रखा है तो वहीं दूसरी तरफ उन्हें प्रशंसकों की भी कमी नहीं है.
Taiwan vs China: स्पीकर पेलोसी के दौरे से क्यों बौखलाया ड्रैगन, चीन-ताइवान के बीच विवाद क्या है?
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