नई दिल्ली, लेखक सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले शख्स की पहचान हो गई है, इस शख्स की पहचान हादी मतार के तौर पर हुई है. यह अमेरिका के न्यूजर्सी का निवासी है, बीते दिन रुश्दी जब चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में मंच पर थे, तभी मतार ने उनकी गर्दन पर चाकू घोंप दिया था. न्यूयॉर्क पुलिस […]
नई दिल्ली, लेखक सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले शख्स की पहचान हो गई है, इस शख्स की पहचान हादी मतार के तौर पर हुई है. यह अमेरिका के न्यूजर्सी का निवासी है, बीते दिन रुश्दी जब चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में मंच पर थे, तभी मतार ने उनकी गर्दन पर चाकू घोंप दिया था. न्यूयॉर्क पुलिस के मेजर यूजीन स्टैनिजेव्स्की ने कहा कि हमले के तुरंत बाद मतार को गिरफ्तार कर लिया गया था और अब उससे पूछताछ की जा रही है.
मतार की राष्ट्रीयता के बारे में सवाल करने पर स्टैनिजेव्स्की ने कहा कि मुझे अब तक इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हम सभी जानकारियां एकत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, हम कोर्ट से सर्च वारंट लेने की प्रक्रिया में हैं. घटनास्थल से एक बैग बरामद हुआ था, जिसमें बिजली से जुड़े उपकरण थे. फिलहाल यह माना जा रहा है कि संदिग्ध ने अकेले ही इस हत्या को अंजाम दिया था. अब हमले का मकसद जानने के लिए हम एफबीआई, शेरिफ कार्यालय के साथ काम कर रहे हैं.’
स्टैनिजेव्स्की ने बताया कि स्थानीय समय के मुताबिक, सुबह लगभग 10 बजकर 47 मिनट पर रुश्दी पर हमला हुआ था.
शुक्रवार की सुबह लेक्चर देने से पहले CHQ 2022 कार्यक्रम के लिए मंच पर जाते समय लेखक रुश्दी पर ये जानलेवा हमला किया गया था. बता दें कि सलमान रुश्दी की किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ ईरान में 1988 से बैन है, क्योंकि कई मुसलमान इसे ईशनिंदा मानते हैं, इसे लेकर रुश्दी को धमकी भी दी गई थी.
इसके ठीक एक साल बाद, ईरान के दिवंगत नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने एक फतवा जारी किया था, जिसमें रुश्दी की मौत का आह्वान किया गया था, इतना ही नहीं, फतवा में रुश्दी को मारने वाले को 3 मिलियन डॉलर से अधिक का इनाम देने की बात भी कही गई थी. ईरान की सरकार ने लंबे समय से खुमैनी के फरमान से खुद को दूर कर लिया है, लेकिन रुश्दी विरोधी भावना अब भी रखती है. साल 2012 में, एक अर्ध-आधिकारिक ईरानी धार्मिक फाउंडेशन ने रुश्दी को मारने के लिए इनाम को 2.8 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 3.3 मिलियन डॉलर कर दिया.
सेटेनिक वर्सेस: सलमान रुश्दी ने ऐसा क्या लिखा कि उन्हें जान से मारने को आतुर हो गए कट्टरपंथी