नई दिल्ली: भारत में आज भी शराब पीना एक सामाजिक बुराई मानी जाती है। लेकिन दक्षिण कोरियाई (South Korean) पूरी दुनिया में शराब पीने के लिए जाने जाते हैं। ताजा आंकड़े भी इस बात को पक्का करते हैं। शराब, व्हिस्की और बियर के इम्पोर्ट में इजाफा हुआ है। कोरोना के प्रकोप ने दक्षिण कोरिया में […]
नई दिल्ली: भारत में आज भी शराब पीना एक सामाजिक बुराई मानी जाती है। लेकिन दक्षिण कोरियाई (South Korean) पूरी दुनिया में शराब पीने के लिए जाने जाते हैं। ताजा आंकड़े भी इस बात को पक्का करते हैं। शराब, व्हिस्की और बियर के इम्पोर्ट में इजाफा हुआ है। कोरोना के प्रकोप ने दक्षिण कोरिया में लोगों के शराब पीने के तरीके को भी बदल दिया है। आलम ऐसा है कि पहले यहां लोग शराब को दोस्तों के साथ मिलकर पीते थे, लेकिन अब लोग घरों में भी जमकर शराब पी रहे है।
मिले डाटा के अनुसार, इस साल के पहले 3 महीनों में व्हिस्की का इम्पोर्ट लगभग 80% बढ़ गया। जनवरी से मार्च के बीच यहां 8,443 टन व्हिस्की का इम्पोर्ट किया गया, जो पिछले साल के मुकाबले 78.2% ज्यादा है। यह 2000 के बाद से सबसे ज़्यादा है। आपको बता दें, शराब की बिक्री में इजाफा होने के पीछे युवाओं का बड़ा हाथ है। यहां के युवा व्हिस्की को ज्यादा पसंद करते हैं। इस देश में व्हिस्की सस्ती है और आसानी से मिल जाती है।
डाटा यह भी बताते हैं कि दक्षिण कोरिया में अभी भी बीयर सबसे ज़्यादा पसंद की जाने वाली शराब है। जनवरी-मार्च के समय में व्हिस्की के मुकाबले बीयर की बिक्री लगभग सात गुना थी। पिछले साल शराब के इम्पोर्ट में 3.8 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। दक्षिण कोरिया में काम करने वाले स्टाफ वर्कर्स के लिए ड्यूटी घंटे बहुत लंबे होते हैं। इसी वजह से यहां काम के बाद शराब पीना आम बात है। यह तनाव दूर करने का तरीका माना जाता है। पूरी टीम और कभी-कभी कंपनी यहां डिनर में शामिल होती है जहां सभी को शामिल की उम्मीद होती है और शराब परोसी जाती है।