नई दिल्ली: जब बेकसूर अपराधी के तरफ से सबूत पेश किए गए और उसके वकील ने कुछ ऐसी चीजें पेश कीं, उसके बाद पता चला कि यह वो अपराधी नहीं है बल्कि बेकसूर अपराधी का हमशक्ल है. उसके बाद रिहा किया गया लेकिन उसने अपने जीवन के 17 साल जेल में काट डाली। दुनिया भर […]
नई दिल्ली: जब बेकसूर अपराधी के तरफ से सबूत पेश किए गए और उसके वकील ने कुछ ऐसी चीजें पेश कीं, उसके बाद पता चला कि यह वो अपराधी नहीं है बल्कि बेकसूर अपराधी का हमशक्ल है. उसके बाद रिहा किया गया लेकिन उसने अपने जीवन के 17 साल जेल में काट डाली।
दुनिया भर में अपराधियों के लिए कई नियम बनाए गए हैं. हालांकि हर जगहों का नियम अलग-अलग होती हैं. यह बात सही है कि अपराधी को कड़ा से कड़ा दंड देने चाहिए. लेकिन कई मामला होता है जहां बेकसूर आदमी को दंड दे दिया जाता है. अमेरिका में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां बिना अपराध किए 17 साल जेल में बिताना पड़ गया।
आपको बता दें कि यह घटना अमेरिका के एक शहर की है. रिपोर्ट के अनुसार इस शख्स का नाम रिचर्ड जोन्स है. डकैती के केस में साल 2000 में उसे जेल हुई थी, इसके बाद उसकी जिंदगी तहस-नहस हो गई. उस शख्स ने कोई अपराध नहीं किया बल्कि अपराधी के हमशक्ल था लेकिन इसको पुलिस ने उठा लिया।
इसने अपनी ओर से कई सफाई दी लेकिन वह सब बेकार चली गई. पुलिस और कोर्ट दोनों को लगा कि यही वही शख्स है जिसने अपराध किया. साल 2000 की बात है और 17 साल जेल में रहने के बाद 2017 के करीब उसके वकीलों ने कोर्ट में सारी सच्चाई सबूत पेश की, तब जाकर उसको जेल से छुटकारा मिला. कुछ दिनों पहले यह मामला तब सामने आया जब उसे अमेरिका की एक कोर्ट ने मुआवजा दिया।
रिपोर्ट के अनुसार जब हमशक्ल रिकी अमोस की तस्वीर दिखाई गई तो मामले का खुलासा हुआ. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. कुछ दिनों पहले उसे आठ करोड़ रुपए दिए गए हैं. कहा गया कि डकैती 1999 में रिकी अमोस ने किया था और उसकी शक्ल रिचर्ड से हूबहू मिलती थी. इसी के चलते पुलिस को असली अपराधी का पहचान करन में गलती हुई.
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