नई दिल्ली : ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जो डॉक्यूमेंट्री बनाई है वो रिलीज़ के साथ ही विवादों से घिरी नज़र आ रही है. बीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाः द मोदी क्वेशचन’ को भारत सरकार ने बैन कर दिया है. इस फिल्म को बैन करते हुए भारत सरकार ने इसे ‘प्रोपगैंडा’ करार दिया […]
नई दिल्ली : ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जो डॉक्यूमेंट्री बनाई है वो रिलीज़ के साथ ही विवादों से घिरी नज़र आ रही है. बीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाः द मोदी क्वेशचन’ को भारत सरकार ने बैन कर दिया है. इस फिल्म को बैन करते हुए भारत सरकार ने इसे ‘प्रोपगैंडा’ करार दिया है. इसके अलावा इसे यूट्यूब से भी हटा लिया गया है. देश भर में कई छात्र संगठनों ने इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर प्रदर्शन भी किया. इस बीच ये जानना जरूरी है कि दो देशों के बीच फांसी इस डॉक्यूमेंट्री पर आखिर बाकी देश क्या सोचते हैं. जहां इस समय यूक्रेन के साथ युद्ध में फंसे रूस का इस पूरे विवाद पर पहली बार रिएक्शन सामने आया है.
पीएम मोदी पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री को लेकर रूस ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन उर्फ़ बीबीसी पर हमला किया है. रूस ने बीबीसी पर विभिन्न मोर्चों पर सूचना युद्ध (Information War) छेड़ने का आरोप लगाया है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के प्रवक्ता ने इस मामले को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा, “इस तथ्य पर मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं कि यह डॉक्यूमेंट्री BBC की ओर से विभिन्न मोर्चों पर सूचना युद्ध छेड़ने का एक और सबूत है. रूस के खिलाफ ही नहीं बल्कि स्वतंत्र नीति का पालन करने वाले अन्य देशों के खिलाफ भी बीबीसी यही काम करता है.”
रूसी प्रवक्ता ने आगे आरोप लगाया है कि ‘BBC कुछ समूहों के हितों को साधने के लिए दूसरों के खिलाफ काम कर रही है. इसी कारण ब्रिटेन के भीतर भी बीबीसी विवादित विषय बना हुआ है. इसके इस रवैये के हिसाब से ही उसके साथ उसी तरह का व्यवहार किया जाना चाहिए.
बता दें कि, बीबीसी ने साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज बनाई है। इंडिया: द मोदी क्वेश्चन नाम की इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर देश भर में विवाद शुरू हो गया है। केंद्र सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। बैन के बावजूद कई विपक्षी दल इस डॉक्यूमेंट्री की स्पेशल स्क्रीनिंग करवा रहे हैं। देश के विश्वविद्यालयों में भी बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करने की कोशिश की जा रही है। इसे लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी और कोलकाता के एक विश्वविद्यालय में विवाद हो चुका है।
विपक्षी दलों ने इस कदम के लिए सरकार की आलोचना की है. साथ ही डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक करने के फैसले को सेंसरशिप करार दिया है. इसके अलावा एडवाइजरी को दरकिनार करते हुए JNU और जामिया समेत के कई युवा और छात्र संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग यूनिवर्सिटी कैंपस में करने की मांग की है. JNU में इसे लेकर पथराव भी हुए. देश की 6 यूनिवर्सिटी इस विवाद को लेकर सामने आईं जहां लेफ्ट समर्थित छात्र संगठनों ने स्क्रीनिंग की मांग की.
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