नई दिल्ली: जापान के पश्चिमी प्रमुख द्वीप क्यूशू पर एक ज्वालामुखी, जिसे सकुराजिमा कहा जाता है, लगभग 8:05 बजे फट गया। जिससे राख और चट्टानें निकलीं। आस-पास के कस्बों में नुकसान या घायल होने की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है, लेकिन निवासियों को क्षेत्र को खाली करने को कह दिया है।
जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक कागोशिमा के दक्षिणी प्रान्त में 2.5 किमी (1.5 मील) दूर बड़ी चट्टानों को उड़ाते हुए लगभग 8:05 बजे सकुराजिमा ज्वालामुखी फट गया। जापान के NHK सार्वजनिक टेलीविजन पर फुटेज में दिखाया गया कि राख का गहरा धुआं पहाड़ की चोटी से आसमान में उड़ रहा है।
एजेंसी ने कहा कि उसने विस्फोट की चेतावनी को पांच के उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया है और दो शहरों में लगभग 120 निवासियों को संभावित निकासी के लिए तैयार रहने की सलाह भी दे दी है।
एजेंसी ने क्रेटर के 3 किमी (1.8 मील) के भीतर के क्षेत्रों में ज्वालामुखीय चट्टानें गिरने और 2 किमी (1.2 मील) के भीतर लावा, राख और सियरिंग गैस के संभावित प्रवाह की चेतावनी दी। सकुराजिमा जापान में सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है और इसमें बार-बार विस्फोट हुआ है। यह एक द्वीप हुआ करता था लेकिन 1914 में एक विस्फोट के बाद ये एक प्रायद्वीप बन गया।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ज्वालामुखी मैग्मा यानी पत्थर से मिलकर बना हुआ पहाड़ होता है। जब धरती के नीचे जियोथर्मल एनर्जी से पत्थर पिघलने लगते हैं तो नीचे से दबाव ऊपर की ओर आता है। इसी दबाव के कारण ये पहाड़ फटता है, जिसे ज्वालामुखी का फटना कहा जाता है। इस घटना के होने पर पहाड़ में मुंह से भारी मात्रा में पिघलते हुए पत्थर, धूल और धुंआ बाहर आता है। ये बहुत जानलेवा होता है। इसीलिए तो ज्वालामुखी को सोता हुआ दानव भी कहा जाता है।
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