नई दिल्ली: विवेक रामास्वामी को इस वक्त आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इसके पीछे की वजह उनका यूक्रेन को मदद पहुंचाने के खिलाफ होना बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रिपब्लिकन पार्टी की डिबेट के दौरान उन्होंने कहा कि वो यूक्रेन को आर्थिक मदद देने के सख्त खिलाफ हैं. साथ ही […]
नई दिल्ली: विवेक रामास्वामी को इस वक्त आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इसके पीछे की वजह उनका यूक्रेन को मदद पहुंचाने के खिलाफ होना बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रिपब्लिकन पार्टी की डिबेट के दौरान उन्होंने कहा कि वो यूक्रेन को आर्थिक मदद देने के सख्त खिलाफ हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन का समर्थन नहीं करेंगे. गौरतलब है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी यूक्रेन को लेकर यही मत है. हालांकि अपने इस बयान की वजह से विवेक रामास्वामी राष्ट्रपति पद की डिबेट में अन्य उम्मीदवारों के निशाने पर आ गए.
कैलिफोर्निया के सिमी वैली स्थित रीगन लाइब्रेरी एंड म्यूजियम में बीते बुधवार यानी 27 सितंबर को रिपब्लिकन पार्टी की राष्ट्रपति पद की डिबेट का आयोजन किया गया. इस दौरान उन्होंने रूस युद्ध में अमेरिका द्वारा यूक्रेन को दिए जा रहे मदद का विरोध किया. इसे लेकर इस डिबेट में रामास्वामी अकेले पड़ गए और अन्य पार्टी के उम्मीदवारों ने इस मसले पर रामास्वामी के खिलाफ हमला बोल दिया. डिबेट के दौरान न्यूजर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी, निक्की हेली और पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने रामास्वामी की जमकर आलोचना की.
रीगन लाइब्रेरी एंड म्यूजियम में आयोजित इस डिबेट के दौरान रामास्वामी यूक्रेन का समर्थन नहीं करने की बात पर विरोधियों के निशाने पर आ गए. इसके बाद उन्होंने अपने तर्क का बचाव करते हुए कहा कि चीन हमारा असली दुश्मन है और हम युद्ध में यूक्रेन को समर्थन देकर रूस को चीन के और नजदीक ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें इसके समाधान के लिए कोई बेहतर योजना पर काम करना चाहिए.
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