नई दिल्ली। स्वीडन में कुरान जलाने को लेकर बवाल हो गया है. लगातार चौथे दिन कई शहरों से हिंसक झड़प की खबरें आ रही हैं. आपको बता दें कि स्वीडन के ओरेब्रो शहर में एक दक्षिणपंथी और अप्रवासी विरोधी समूह ने कुरान में आग लगा दी थी. इसके बाद से यहां हिंसा हो रही है. […]
नई दिल्ली। स्वीडन में कुरान जलाने को लेकर बवाल हो गया है. लगातार चौथे दिन कई शहरों से हिंसक झड़प की खबरें आ रही हैं. आपको बता दें कि स्वीडन के ओरेब्रो शहर में एक दक्षिणपंथी और अप्रवासी विरोधी समूह ने कुरान में आग लगा दी थी. इसके बाद से यहां हिंसा हो रही है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस ने रविवार को पूर्वी शहर नोरकोपिंग में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गोलियां चलाईं, जिसमें तीन लोग घायल हो गए. जबकि पुलिस अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इससे पहले शनिवार को दंगाइयों ने स्वीडन के दक्षिणी शहर माल्मो में एक बस समेत कई वाहनों में आग लगा दी थी.
वहीं ईरान और इराक ने कुरान जलाने की घटना का विरोध किया है. दोनों देशों ने हाल ही में स्वीडिश राजदूतों को भी तलब किया. इस मामले पर स्टॉर्म कुर्स पार्टी चलाने वाले डेनिश-स्वीडिश चरमपंथी रासमस पालुदान का कहना है कि उन्होंने इस्लाम की सबसे पवित्र किताब में आग लगा दी है और आगे भी करते रहेंगे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिणपंथी समूह ने कई जगहों पर कार्यक्रमों की आयोजित किए थे, साथ ही जहां भी कार्यक्रम आयोजित किए गए वहां हिंसा भड़क गई. जिसमें 16 पुलिस अधिकारी घायल हो गए. स्वीडन के राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख एंडर्स थॉर्नबर्ग ने हिंसा की घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘प्रदर्शनकारियों को पुलिस अधिकारियों की जान की परवाह नहीं है. हमने पहले भी दंगे देखे हैं, लेकिन यह अलग है.