नई दिल्ली: अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले देश की दोनों प्रमुख पार्टी- रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी में उम्मीदवारी के लिए चुनाव चल रहे हैं. इस दौरान बुधवार सुबह न्यू हैम्पशायर राज्य में रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी का चुनाव हुआ. जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बड़ी जीत दर्ज की. […]
नई दिल्ली: अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले देश की दोनों प्रमुख पार्टी- रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी में उम्मीदवारी के लिए चुनाव चल रहे हैं. इस दौरान बुधवार सुबह न्यू हैम्पशायर राज्य में रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी का चुनाव हुआ. जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बड़ी जीत दर्ज की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप को चुनाव में 55.4% वोट प्राप्त हुए, वहीं भारतीय मूल की निक्की हेली को 42% वोट मिले.
दूसरी ओर डेमोक्रेटिक पार्टी से न्यू हैम्पशायर में राष्ट्रपति जो बाइडेन को जीत मिली है, उन्हें 66.8% वोट प्राप्त हुए हैं. वहीं डीन फिलिप्स 20% वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे हैं. मालूम हो कि अमेरिका में इस साल नवंबर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. इससे पहले रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी अपने-अपने उम्मीदवार को फाइनल करने में जुटी हुई है.
बता दें कि इससे पहले आयोवा राज्य में हुए चुनावों में भी डोनाल्ड ट्रम्प ने एकतरफा जीत हासिल की थी. इस चुनाव में हार मिलने के बाद विवेक रामास्वामी और रॉन डी-सेंटिस ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. हालांकि, न्यू हैम्पशायर में हारने के बाद भी निक्की हेली अभी रेस में बनी हुई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नतीजे घोषित होने के बाद हेली ने कहा कि ट्रम्प ने अपनी मेहनत की वजह से जीत हासिल की है.
उन्होंने कहा कि यह एक राज्य है, लेकिन आखिरी नहीं है. अभी ये रेस खत्म नहीं हुई है. अमेरिका में अभी दर्जनों राज्यों में चुनाव होने बाकी हैं. अगला चुनावी राज्य मेरा पसंदीदा साउथ कैरोलीना है. जहां मैं 24 फरवरी को पूरी ताकत लगा दूंगी। मैं डोनाल्ड ट्रम्प को उम्मीदवारी और फिर बाइडेन को राष्ट्रपति के चुनाव में जरूर हराउंगी. गौरतलब है कि निक्की हेली साउथ कैरोलीना से ही आती हैं. वो यहां से 2011-17 के बीच गवर्नर भी रह चुकी हैं.
उधर, न्यू हैम्पशायर में डेमोक्रेटिक पार्टी के चुनावों में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी बड़ी जीत दर्ज की है. उन्होंने नाम न होने के बाद भी भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की है. बता दें कि पार्टी चुनावों की तारीखों की घोषणा के बाद जो बाइडेन ने न्यू हैम्पशायर में देरी से चुनाव कराने को कहा था. हालांकि, डेमोक्रेटिक पार्टी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इस बात से नाराज होकर जो बाइडेन ने न्यू हैम्पशायर में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया.
इसके बाद डेमोक्रेटिक पार्टी में उनके समर्थकों ने चुनाव में राइट-इन कैंपेन को चलाया, जिससे जो बाइडेन को चुनाव में जीत मिली है. गौरतलब है कि अमेरिका में राइट-इन कैंपेन के तहत उम्मीदवारों की लिस्ट में नाम न होने के बावजूद मतदाता बैलेट पेपर पर अपने पसंदीदा प्रत्याशी का नाम लिख देते हैं. फिर अगर उस उम्मीदवार को बहुमत मिलता है, तो उसे पार्टी विजेता घोषित कर देती है.
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