नई दिल्लीः अमेरिकी जांच में खुलासा हुआ है कि इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिका के हवाई क्षेत्र में दिखे चीनी जासूसी गुब्बारे ने इंटरनेट का इस्तेमाल कर सूचना बीजिंग भेजी थी। वहीं अमेरिका ने इस गुब्बारे को हवा में मार गिराया था। अमेरिका ने चीन पर गुब्बारे की सहायता से जासूसी करने का आरोप […]
नई दिल्लीः अमेरिकी जांच में खुलासा हुआ है कि इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिका के हवाई क्षेत्र में दिखे चीनी जासूसी गुब्बारे ने इंटरनेट का इस्तेमाल कर सूचना बीजिंग भेजी थी। वहीं अमेरिका ने इस गुब्बारे को हवा में मार गिराया था। अमेरिका ने चीन पर गुब्बारे की सहायता से जासूसी करने का आरोप लगाया था। हालांकि चीन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। इसे लेकर दोनों देशों के रिश्तों में भी तनातनी नजर आई थी।
अमेरिकी अधिकारियों ने जानकारी दी कि चाइनीज गुब्बारे ने इंटरनेट भी अमेरिकी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर का ही इस्तेमाल किया था। हालांकि अमेरिका ने अभी तक इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के नाम की पुष्टि नहीं की है। अमेरिका की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया था कि चीनी जासूसी गुब्बारे ने अमेरिका के इंटरनेट नेटवर्क का इस्तेमाल किया था। हालांकि अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीनी गुब्बारे ने नेविगेशन और लोकेशन संबंधी जानकारी ही चीन भेजी थी और अन्य अहम खुफिया डाटा सिर्फ इकट्ठा किया था, जिसे बाद में निकाला जाना था लेकिन उससे पहले ही अमेरिका ने गुब्बारे को निशाना बनाकर गिरा दिया था। जासूसी गुब्बारे का मलबा अटलांटिक महासागर से बरामद हुआ था। बता दें इस मलबे की जांच की गई थी।
बता दें चीन लगातार कहता आ रहा है कि यह मौसम की जानकारी इकट्ठा करने वाला गुब्बारा था। चीन ने कहा कि यह गुब्बारा जासूसी के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा था और सिर्फ रास्ता भटककर अमेरिका पहुंच गया था।
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