‘आधार’ डेटा की खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाली पत्रकार पर केस गलत, उसे तो अवॉर्ड मिलना चाहिए: एडवर्ड स्नोडेन

अमेरिका के व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने भारत में इन दिनों सुर्खियों में छाए मुद्दे 'आधार' डिटेल बेचने के मामले में ट्वीट किया है. स्नोडेन ने आधार पर स्टोरी करने वाली भारतीय पत्रकार पर केस दर्ज कराए जाने की आलोचना की है. एडवर्ड स्नोडेन ने ट्वीट किया कि जिस पत्रकार ने आधार कार्ड से संबंधित खबर की है उसे अवॉर्ड मिलना चाहिए. अंग्रेजी अखबार 'द ट्रिब्यून' अखबार की पत्रकार ने ही महज 500 रुपये में आधार कार्ड की डिटेल बेचने के मामले में खुलासा किया था. स्नोडेन ने लिखा, 'जिस पत्रकार ने आधार की खामियों को उजागर किया है उसे अवॉर्ड मिलना चाहिए. उसकी जांच कराने की जरूरत नहीं है. अगर सरकार वाकई इसके लिए चिंतित है तो कार्ड के जरिए निजी सूचनाएं हैक न हों और करोड़ों भारतीयों की निजता पर आघात न हो, तो इसके लिए उन्हें काम करना चाहिए. निजता का हनन करने वाले लोग जो जिम्मेदार हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए और जिम्मेदार संस्था का नाम UIDAI है.'

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‘आधार’ डेटा की खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाली पत्रकार पर केस गलत, उसे तो अवॉर्ड मिलना चाहिए: एडवर्ड स्नोडेन

Aanchal Pandey

  • January 9, 2018 4:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः अमेरिका के व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने भारत में इन दिनों सुर्खियों में छाए मुद्दे आधार डेटा बेचने के मामले में ट्वीट किया है. स्नोडेन ने आधार पर स्टोरी करने वाली भारतीय पत्रकार पर केस दर्ज कराए जाने की आलोचना की है. एडवर्ड स्नोडेन ने ट्वीट किया कि जिस पत्रकार ने आधार कार्ड से संबंधित खबर की है उसे अवॉर्ड मिलना चाहिए. अंग्रेजी अखबार ‘द ट्रिब्यून’ अखबार की पत्रकार ने ही महज 500 रुपये में आधार कार्ड की डिटेल बेचने के मामले में खुलासा किया था.

व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा, ‘जिस पत्रकार ने आधार की खामियों को उजागर किया है उसे अवॉर्ड मिलना चाहिए. उसकी जांच कराने की जरूरत नहीं है. अगर सरकार वाकई इसके लिए चिंतित है तो कार्ड के जरिए निजी सूचनाएं हैक न हों और करोड़ों भारतीयों की निजता पर आघात न हो, तो इसके लिए उन्हें काम करना चाहिए. निजता का हनन करने वाले लोग जो जिम्मेदार हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए और जिम्मेदार संस्था का नाम UIDAI है.’ स्नोडेन ने अखबार में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद आधार कार्ड से सूचनाओं के लीक होने की आशंका का समर्थन किया था.

बताते चलें कि अंग्रेजी अखबार ‘द ट्रिब्यून’ अखबार की पत्रकार रचना खेड़ा ने ही आधार कार्ड की डिटेल बेचने वाले गिरोह के बारे में पड़ताल की थी. उनकी रिपोर्ट में साफ हुआ कि यह गिरोह महज 500 रुपये में भारतीयों की आधार डिटेल बेच रहा था. इसके लिए बाकायदा गिरोह तमाम सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहा है और बताया जा रहा है कि गिरोह के पास करीब 100 करोड़ भारतीयों के आधार कार्ड की जानकारी है. इसी रिपोर्ट के अखबार में छपने के बाद विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने ‘द ट्रिब्यून’, पत्रकार रचना खेड़ा समेत अनिल कुमार, सुनील कुमार और राज (रिपोर्ट में इन तीनों के हवाले से खबर दी गई है) के खिलाफ FIR दर्ज कराई. UIDAI के शिकायत निवारण विभाग के बीएम पटनायक की शिकायत पर केस दर्ज कराया गया. जॉइंट कमिश्‍नर (क्राइम ब्रांच) आलोक कुमार ने FIR दर्ज करने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि UIDAI की ओर से साइबर सेल में IPC की धारा 419, 420, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज कराया गया है. साथ ही FIR में IT एक्‍ट और आधार कानून के प्रावधानों को भी जोड़ा गया है. केस की तफ्तीश जारी है.

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