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अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का दावा, चीन के डर से क्वाड में शामिल हुआ भारत

नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत के क्वाड समूह में शामिल होने को लेकर एक बड़ी बात कही है। उन्होंने भारत की विदेश नीति पर टिप्पणी करते हुए भारत पर चीन के आक्रामक कार्रवाइयों को लेकर अपनी किताब “नेवर गिव एन इंच फाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव” में  कई […]

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अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का दावा, चीन के डर से क्वाड में शामिल हुआ भारत
  • January 26, 2023 12:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत के क्वाड समूह में शामिल होने को लेकर एक बड़ी बात कही है। उन्होंने भारत की विदेश नीति पर टिप्पणी करते हुए भारत पर चीन के आक्रामक कार्रवाइयों को लेकर अपनी किताब “नेवर गिव एन इंच फाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव” में  कई खुलासे किए है

उन्होंने कहा कि विदेश नीति पर एक स्वतंत्र रुख रखने वाले भारत को चीन की आक्रामक कार्रवाइयों के कारण अपनी रणनीतिक स्थिति बदलनी पड़ी, यही कारण है कि चार देशों के क्वाड समूह में शामिल होने के भारत मजबूर हुआ।

क्या बोले माइक पोम्पिओ ?

पोम्पिओ का कहना है कि शीत युद्ध के दौर में भी भारत किसी गुट में शामिल नहीं हुआ। भारत ने हमेशा गुटनिरपेक्ष की नीति के साथ अपना रास्ता तैयार किया, लेकिन चीन की हरकतों ने पिछले कुछ वर्षाें में भारत को अपनी रणनीति  बदलने के लिए मजबूर कर दिया।

उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर 31 महीने से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प के बाद द्विपक्षीय संबंधों में तनाव है।

इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के प्रयासों ने भी भारत को क्वाड समूह में लाने में मदद की।  चीन के आक्रामक व्यवहार का मुकाबला करने के लिए 2017 में क्वाड की स्थापना अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने संसाधन संपन्न हिंद- प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार का मुकाबला करने के लिए 2017 में क्वाड को आकार दिया था। उस खूनी घटना ने भी भारतीय जनता को चीन के साथ अपने देश के संबंधों में बदलाव की मांग करने के लिए प्रेरित किया था।

वही भारत ने गलवान की घटना के बाद सख्त रुख अपनाते हुए टिकटॉक समेत दर्जनों चीनी ऐप पर बैन लगा दिया था। कभी मुझसे पूछा जाता था कि इंडिया, चीन से दूर क्यों चला गया? इस पर मैं वही जवाब देता हूं, जो भारतीय नेतृत्व ने मुझसे कहा था कि,  “क्या आप ऐसा नहीं करते ? समय में बदलाव हो रहा है।”

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