नई दिल्ली। रूस के बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. एक अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रूस ने डॉल्फ़िनस को भी युद्ध में डाल दिया है. व्लादिमीर पुतिन की सेना ने इन मछलियों को विशेष प्रशिक्षण देकर काला सागर के नौसैनिक अड्डों की निगरानी के लिए तैनात किया है. सैटेलाइट […]
नई दिल्ली। रूस के बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. एक अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रूस ने डॉल्फ़िनस को भी युद्ध में डाल दिया है. व्लादिमीर पुतिन की सेना ने इन मछलियों को विशेष प्रशिक्षण देकर काला सागर के नौसैनिक अड्डों की निगरानी के लिए तैनात किया है.
एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के यूएस नेवल इंस्टीट्यूट (यूएसएनआई) ने सैटेलाइट इमेज के जरिए खुलासा किया है कि रूस ने समुद्री मार्ग से होने वाले किसी भी हमले से निपटने के लिए सेवस्तोपोल बंदरगाह के प्रवेश द्वार पर डॉल्फ़िनस को तैनात किया है. आपको बता दें कि यह बंदरगाह क्रीमिया पेनिनसुला के दक्षिणी छोर पर है, जिस पर रूस ने 2004 में कब्जा कर लिया था.
यूएसएनआई का कहना है कि फरवरी में यूक्रेन पर हमले की शुरुआत में रूस ने डॉल्फ़िन को अपने नौसैनिक अड्डे पर स्थानांतरित कर दिया था. इन सैन्य-प्रशिक्षित डॉल्फ़िन को तैनात किया गया है ताकि अगर यूक्रेनी गोताखोर समुद्र में प्रवेश करने की कोशिश करें, तो मछलियाँ उन्हें एक पल में मार सकती हैं. वहीं द गार्जियन ने रूसी समाचार एजेंसी के सूत्रों के हवाले से कहा कि ये डॉल्फ़िन पानी के भीतर दुश्मन की आवाज़ और रेंज का पता लगा सकती हैं.
रूस पहले ही अपने ठिकानों की सुरक्षा के लिए डॉल्फ़िन तैनात कर चुका है. 2018 में जारी सैटेलाइट इमेजरी से पता चला कि रूस ने सीरिया के टर्टस में अपने नौसैनिक अड्डे पर डॉल्फ़िन का इस्तेमाल किया था. गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को दो महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. यह युद्ध रूस की अपेक्षा से कहीं अधिक लंबा खिंच गया है. यूक्रेन उन्हें लगातार करारा जवाब दे रहा है.