नई दिल्ली। यूक्रेन युद्ध के बीच ताइवान को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे चीन को पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुली चेतावनी दी है। क्वाड मीटिंग में हिस्सा लेने जापान पहुंचे बाइडेन ने एक बैठक में कहा कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि […]
नई दिल्ली। यूक्रेन युद्ध के बीच ताइवान को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे चीन को पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुली चेतावनी दी है। क्वाड मीटिंग में हिस्सा लेने जापान पहुंचे बाइडेन ने एक बैठक में कहा कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि चीन ताइवान सीमा में घुसपैठ कर जोखिम उठा रहा है।
बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद ताइवान की रक्षा की जिम्मेदारी बढ़ गई है। अगर चीन हमला करता है तो अमेरिका सैन्य मदद से ताइवान की रक्षा करेगा। दरअसल, ताइवान रिलेशंस एक्ट के तहत अमेरिका ताइवान की रक्षा करने के लिए बाध्य है। यही वजह है कि अमेरिका ताइवान को हथियारों की आपूर्ति करता है।
बैठक में बाइडेन से पूछा गया कि अगर चीन ताइवान पर कब्जा करने के लिए सत्ता का इस्तेमाल करता है तो क्या अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करेगा? इसके जवाब में जो बाइडेन ने कहा- हमने यही वादा किया था। हम वन चाईना नीति पर सहमत हुए, हमने उस पर हस्ताक्षर किए, लेकिन यह सोचना गलत है कि ताइवान को बलपूर्वक छीना जा सकता है। जो बाइडेन ने कहा कि ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग करने का चीन का कदम न केवल अनुचित होगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर देगा।
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश के रूप में देखता है। चीन का लक्ष्य ताइवान को अपनी राजनीतिक मांगों के आगे झुकने और चीन के कब्जे को स्वीकार करने के लिए मजबूर करना रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से यह आशंका बनी हुई है कि ताइवान पर कब्जा करने के लिए चीन भी युद्ध का रास्ता अपना सकता है। जिस वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आज यह बयान दिया है
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