वॉशिंगटनः अमेरिका की सीरिया में सैन्य कार्रवाई के खिलाफ रूस के बयान के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पलटवार किया है. ट्रंप ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा कि तैयार हो जाओ, क्योंकि मिसाइलें आ रही हैं. दरअसल सीरिया में अमेरिका की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ लेबनान में रूसी राजदूत अलेक्जेंडर झापकिन ने कहा था कि सीरिया को निशाना बनाकर दागी जाने वाली हर एक अमेरिकी मिसाइल का खात्मा कर दिया जाएगा. रूसी सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ट्रंप जिस मिसाइल अटैक की बात कर रहे हैं, वह सीरिया में हुए संदिग्ध केमिकल अटैक के सबूत मिटा देगा.
गौरतलब है कि सीरिया के मुद्दे पर अमेरिका और रूस के बीच गतिरोध बढ़ता जा रहा है. ट्रंप खुद इसे शीत युद्ध कह चुके हैं. मंगलवार को रूसी राजदूत ने सीरिया पर बरसने वाली हर मिसाइल को मिटा देने की बात कही थी. बुधवार को पलटवार करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘रूस ने कसम खाई है कि सीरिया पर दागी गई सभी मिसाइलों को वो मार गिराएंगे. रूस तैयार हो जाओ, क्योंकि वे आ रही हैं, बेहतरीन, नई और स्मार्ट. आपको एक ऐसे जानवर का साझेदार नहीं होना चाहिए जो केमिकल अटैक कर लोगों को मारता है और फिर उसका मजा लेता है.’
डोनाल्ड ट्रंप ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘रूस के साथ हमारे मौजूदा संबंध अब तक की सबसे खराब स्थिति में हैं. यह शीत युद्ध जैसा है और इसकी कोई वजह नहीं है. रूस को अपनी आर्थिक स्थिति से हमारी मदद करनी चाहिए, ऐसा करना उनके लिए बेहद आसान होगा. हथियारों की दौड़ बंद करने के लिए हम सभी देशों को एक साथ आना होगा.’ बता दें कि हाल में सीरिया में आम लोगों पर हुए केमिकल अटैक के मुद्दे पर अमेरिका और रूस आमने-सामने हैं. अमेरिका केमिकल अटैक के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराते हुए कह रहा है कि रूसी सरकार के हाथ सीरियाई बच्चों के खून से रंगे हैं.
दूसरी ओर रूस ने हमले की खबरों को फर्जी करार देते हुए कहा कि सीरिया पर दागी जाने वाली हर मिसाइल को वो नष्ट कर देंगे. रूस ने चेतावनी दी कि सीरिया पर सैनिक कार्रवाई के गंभीर परिणाम होंगे. वहीं चीन ने भी सीरिया में सैनिक कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी दी है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि व्यापक एवं निष्पक्ष जांच से पहले किसी भी पक्ष को नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए. गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीरिया में हुए केमिकल अटैक की जांच के लिए एक स्वतंत्र कमेटी की स्थापना से संबंधित दो प्रस्ताव रखे गए थे, जो बहुमत न होने की वजह से पारित नहीं हो पाए.
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