नई दिल्ली, रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका और यूरोप के तमाम आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद भारत के रूस से तेल खरीदने के फैसले पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान के बाद अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि भारत को अपनी विदेश […]
नई दिल्ली, रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका और यूरोप के तमाम आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद भारत के रूस से तेल खरीदने के फैसले पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान के बाद अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि भारत को अपनी विदेश नीति में रूस की तरफ झुकाव को खत्म करने में अभी और समय लगेगा, यह किसी स्विच को दबाने जैसा आसान नहीं है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने भारत का रूस से कच्चे तेल और फर्टिलाइजर का आयात बढ़ने को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, मेरा काम किसी दूसरे देश की विदेश नीति पर बात करना नहीं है. लेकिन जो हमने भारत से सुना है, हम उस आधार पर बात कर सकते हैं. हमने दुनियाभर के देशों को यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने वोट समेत कई बातों पर स्पष्ट रूप से बात करते देखा है, हम समझते हैं कि ये कोई बटन दबाने जितना आसान नहीं है, विशेष रूप से ऐसे देशों के साथ जिनके रूस के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं.
नेड प्राइस ने आगे कहा, भारत के मामले में भी ऐसा है, उनके रूस के साथ दशकों पुराने संबंध हैं. भारत को अपनी विदेश नीति में रूस की तरफ अपने झुकाव को खत्म करने में अभी बहुत लम्बा समय लगेगा.
बता दें कि अमेरिका और यूरोपीय देशों ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से उस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे, वहीं पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ा दिया था.
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