अमेरिका फिर देगा पाकिस्तान को झटका, रक्षा मदद में हो सकती है बड़ी कटौती, 700 नहीं अब मिलेंगे 150 मिलियन डॉलर!

अमेरिका एक बार फिर पाकिस्तान को बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहा है. मिली जानकारी के अनुसार, US पाकिस्तान को रक्षा क्षेत्र में दी जाने वाली सहायता राशि में 80 फीसदी तक की कटौती करने का मन बना रहा है. इससे पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के रवैये पर उसे दी जाने वाली सहायता राशि में कटौती की बात कह चुके हैं. हाल ही में पाकिस्तान में चुनाव संपन्न हुए हैं और चुनावी नतीजों के आधार पर माना जा रहा है कि पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान देश के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं.

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अमेरिका फिर देगा पाकिस्तान को झटका, रक्षा मदद में हो सकती है बड़ी कटौती, 700 नहीं अब मिलेंगे 150 मिलियन डॉलर!

Aanchal Pandey

  • July 29, 2018 11:08 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर पाकिस्तान पर नकेल कसने का मन बना चुके हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को रक्षा क्षेत्र में मिलने वाली आर्थिक मदद में 80 फीसदी तक कटौती हो सकती है. जानकारों के अनुसार, अभी तक पाकिस्तान को रक्षा मदद के नाम पर यूएस की ओर से हर साल 700 मिलियन डॉलर दिए जाते हैं. यह रकम अब महज 150 मिलियन डॉलर रह सकती है.

बताया जा रहा है कि इस राशि को पाने के लिए भी पाकिस्तान को कई शर्तों को मानना पड़ेगा. 2019 के लिए अमेरिकी रक्षा व्यय विधेयक को अगले हफ्ते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समक्ष रखा जाएगा. इस बार यह कुछ अलग होगा क्योंकि पिछले कई वर्षों में पहली बार इसमें पाकिस्तान को रक्षा क्षेत्र में मदद के तौर पर दी जाने वाली आर्थिक राशि का जिक्र नहीं किया गया है.

पाकिस्तान को यह रकम आतंकियों और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने के नाम पर दी जाती है. आतंकवाद पर पाकिस्तान के लापरवाह रवैये की वजह से गैर नाटो सहयोगी के तौर पर दी जाने वाली इस सहायता राशि को 70 करोड़ डॉलर से 15 करोड़ डॉलर करने की उम्मीद की जा रही है. अमेरिकी नेता पहले ही पाकिस्तान को दोस्त के नाम पर दुश्मन बता चुके हैं.

पाकिस्तान को दी जाने वाली रकम में कटौती की पिछले काफी समय से मांग की जा रही थी. व्हाइट हाउस के पूर्व अधिकारी अनीश गोयल ने बताया कि पाकिस्तान को गठबंधन सहयोग कोष (CSF) से मिलने वाली सहायता राशि को 70 करोड़ डॉलर से घटाकर 15 करोड़ डॉलर किया जा सकता है. इसके साथ ही अगले साल के लिए प्रस्तावित विधेयक में प्रमाणीकरण की शर्त को भी हटा दिया गया है. इसका मतलब यह है कि अब पेंटागन को यह प्रमाण नहीं देना पड़ेगा कि इस रकम के तहत पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. पहले इसी के आधार पर भुगतान होता था.

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