US: अमेरिकी रक्षा विभाग का बड़ा फैसला- पेंटागन में अब बिना रोकटोक जा सकते हैं भारतीय अधिकारी

United States: नई दिल्ली। अमेरिका के रक्षा विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने जानकारी दी है कि अब भारतीय रक्षा अधिकारी बिना किसी रोक-टोक के पेंटागन जा सकते हैं। बता दें कि रक्षा अताशे (Defense Attache) का मतलब राजनयिक मिशन से संबद्ध एक सैन्य विशेषज्ञ होता है। […]

Advertisement
US: अमेरिकी रक्षा विभाग का बड़ा फैसला- पेंटागन में अब बिना रोकटोक जा सकते हैं भारतीय अधिकारी

Vaibhav Mishra

  • August 17, 2022 11:06 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

United States:

नई दिल्ली। अमेरिका के रक्षा विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने जानकारी दी है कि अब भारतीय रक्षा अधिकारी बिना किसी रोक-टोक के पेंटागन जा सकते हैं। बता दें कि रक्षा अताशे (Defense Attache) का मतलब राजनयिक मिशन से संबद्ध एक सैन्य विशेषज्ञ होता है।

सेक्रेटरी फ्रैंक केन्डाल ने ये कहा

भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सोमवार को ‘इंडिया हाउस’ में आयोजित एक भोज के दौरान अमेरिकी वायु सेना के सेक्रेटरी फ्रैंक केन्डाल ने अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू की ओर से कहा कि इस तरह का फैसला उस भरोसे और सहयोग को रेखांकित करता है जो इस समय अमेरिका और भारत के बीच है।

पेंटागन तक पहुंच पाना बड़ी बात

केन्डाल ने आगे कहा कि भारतीय (रक्षा) अताशे टीम अब बिना रोकटोक पेंटागन में जा सकती है। ये अहम रक्षा साझेदार के तौर पर भारत के साथ हमारे संबंधों की शुरुआत भर है। उन्होंने कहा कि अगर आपको नहीं लगता कि पेंटागन तक बिना बाधा के पहुंच पाना बड़ी बात है तो आपको बता दूं कि मैं भी पेंटागन में अनुरक्षक (एस्कॉर्ट) के बिना नहीं जा सकता हूं। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में जाने की अनुमति पाना बेहद ही मुश्किल काम माना जाता है। यहां तक की कोई भी आम अमेरिकी नागरिक भी उच्च स्तरीय सुरक्षा मंजूरी के बिना वहां नहीं जा सकता हैं।

भारत से दीर्घकालिक करीबी संबंध

बता दें कि केन्डाल ओबामा प्रशासन के दौरान भी भारतीय से जुड़े मुद्दों पर काम कर चुके हैं। उन्होंने भोज में कहा कि उनकी तभी से ही ये इच्छा थी कि हमारे आपसी राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में संबंध मजबूत हों। उन्होंने कहा कि भारत वो देश है जिसके साथ हम किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा सैन्य अभ्यास करते हैं। हमारे संबंध दीर्घकालिक और करीबी हैं। अब हम इसे और मजबूत बनाने पर काम करना हैं।

बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना

Advertisement