नई दिल्ली: लंबे समय से भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता की मांग करता आ रहा है. इस मांग को लेकर अमेरिका, रूस और फ्रांस भारत का समर्थन करते रहे हैं. इसी बीच भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की मांग पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस मीडिया […]
नई दिल्ली: लंबे समय से भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता की मांग करता आ रहा है. इस मांग को लेकर अमेरिका, रूस और फ्रांस भारत का समर्थन करते रहे हैं. इसी बीच भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की मांग पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस मीडिया से बात करते हुए बयान दिया है. उन्होंने कहा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और भारत के लिए स्थाई सदस्य की जिम्मेदारी क्षमता से परे नहीं है.
भारत काफी समय से सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता की मांग करता आ रहा है. अब यूएनजीए अध्यक्ष डेनिश फ्रांसिस ने भारत की मांग को जायज ठहराते हुए इसका समर्थन किया है. मीडिया से बात करते हुए फ्रांसिस ने कहा कि सबसे पहले मैं इस बात के लिए भारत को बधाई देना चाहता हूं कि वह संयुक्त राष्ट्र के स्थाई सदस्य बनने की इच्छा रखता है. लेकिन इसके साथ कई तरह की जिम्मेदारी भी आती है. इसके लिए मैं कह सकता हूं कि भारत सरकार ये जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार है.
यूएनजीए अध्यक्ष ने मीडिया से बात करते हुए आगे कहा कि भारत को कब स्थायी सदस्य बनाना है, यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों के ऊपर है. उन्होंने कहा मैं पहले भी बोल चुका हूं और अब दोबारा उस पर बोल रहा हूं कि सुरक्षा परिषद में सुधार कोई घटना नहीं है बल्कि यह एक सतत प्रकिया है. बता दें कि पिछले साल ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य के रूप में अपना 2 साल का कार्यकाल पूरा किया है.
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