सुरक्षा परिषद में गाजा युद्ध पर पास हुआ प्रस्ताव, अमेरिका ने नहीं दिया इजरायल का साथ

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है, जिसमें गाजा में चल रहे जंग में तुरंत एक मानवीय रोक और गलियारा बनाए जाने की बात की गई है। गाजा में एक महीने से अधिक समय से चल रहे इजरायल-हमास जंग के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस तरह का पहला प्रस्ताव है। 15 सदस्यीय परिषद में यह प्रस्ताव 12-0 से पास हुआ। बता दें कि तीन सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन और रूस वोटिंग से अनुपस्थित रहे।

माल्टा ने पेश किया प्रस्ताव

ये प्रस्ताव माल्टा ने पेश किया, जो संयुक्त राष्ट्र के सबसे शक्तिशाली निकाय के 15 सदस्यों को काफी हद तक एक साथ लाने में सफल रहा। माल्टा की संयुक्त राष्ट्र राजदूत वैनेसा फ्रेजियर ने कहा कि हमने जो हासिल किया है वह एक महत्वपूर्ण कदम है और हम नागरिकों की सुरक्षा और सशस्त्र संघर्षों में हो रहे बच्चों की दुर्दशा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ रहेंगे।

बता दें कि इस प्रस्ताव के ड्राफ्ट की भाषा पर भी कई सवाल उठ रहे हैं। इस प्रस्ताव में मानवीय विराम के लिए मांग की बजाय आह्वान तक सीमित कर दिया गया है। इस प्रस्ताव ने हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई वाली मांग को भी कमजोर कर दिया है। इस प्रस्ताव में संघर्ष विराम और हमास की तरफ से 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए हमलों का भी कोई जिक्र नहीं किया गया है।

पानी की आपूर्ति भी रुकी

एक महीने से अधिक समय से जारी जंग के बीच फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी ने ईंधन की कमी की वजह से मध्य और दक्षिणी गाजा पट्टी में दर्जनों पेयजल और सीवेज सुविधाओं को निलंबित करने का ऐलान किया है। गाजा में यूएनआरडब्ल्यूए के परिचालन निदेशक थॉमस व्हाइट ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि ईंधन की कमी के कारण सीवेज पंप सेवा से बाहर होने के कारण राफा शहर की सड़कों और गलियों में सीवेज बह रहा है।

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