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आखिरकार हमास को गाजा पट्टी छोड़ना ही पड़ा, इस देश को मिलेगी जिम्मेदारी, नेतन्याहू ने दिखाए तेवर

हमास ने गाजा को शासन फिलीस्तीनी प्राधिकरण को सौंपने की इच्छा जताई है। हमास ने यह कदम मिस्र की ओर से दबाव पड़ने पर उठाया है। फिलहाल गाजा में पुलिस, स्वास्थ्य और नागरिक सेवाएं हमास के नियंत्रण में हैं। इसके पीछे ट्रंप की नीति को भी माना जा रहा है।

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inkhbar News
  • February 17, 2025 10:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: फिलिस्तीन की गाजा पट्टी के प्रशासन को लेकर एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। रिपोर्टों के अनुसार, हमास ने संकेत दिया है कि वह फिलिस्तीनी प्रशासन (PA) को गाजा का नियंत्रण सौंपने के लिए तैयार है। PA को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त प्रशासन माना जाता है और यह 1993 के ओस्लो समझौते के तहत वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों का संचालन करता है।

गाजा और वेस्ट बैंक, प्रस्तावित फिलिस्तीनी राज्य के दो प्रमुख क्षेत्र हैं। लंबे समय से गाजा पर हमास का शासन रहा है और बीते एक वर्ष से अधिक समय तक इस क्षेत्र में इजरायल के साथ संघर्ष जारी रहा। हालांकि, वर्तमान में यहां युद्धविराम लागू है।

हमास पर मिस्र का दबाव

सूत्रों के अनुसार, मिस्र के दबाव के चलते हमास ने PA को गाजा का प्रशासन सौंपने की मंशा जाहिर की है। वर्ष 2007 से गाजा पर नियंत्रण रखने वाले हमास ने पहले एक आंतरिक संघर्ष में फतह गुट को पराजित कर यहां अपना वर्चस्व स्थापित किया था। फतह, जो PA का प्रमुख घटक है, फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) में भी प्रभावी भूमिका निभाता है।

युद्ध से कमजोर हुआ हमास

इजरायल के साथ हुए युद्ध में हमास को काफी क्षति पहुंची है, लेकिन अभी भी गाजा की पुलिस, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य नागरिक प्रशासनिक कार्यों पर इसका नियंत्रण बना हुआ है। हमास ने यह शर्त रखी है कि गाजा के सरकारी कर्मचारियों को नए प्रशासन में शामिल किया जाए या फिर वेतन की गारंटी के साथ उन्हें सेवानिवृत्त किया जाए।

अमेरिका का रुख

हालांकि, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने PA के गाजा में शासन करने की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका मानना है कि PA का प्रशासन कमजोर है और इसका गाजा में प्रभावी संचालन संभव नहीं है। नेतन्याहू ने यहां तक कहा है कि PA की तुलना में अमेरिकी प्रशासन गाजा के लिए अधिक उपयुक्त विकल्प हो सकता है।

फिलिस्तीन के भविष्य पर असर

हमास द्वारा यह प्रस्तावित परिवर्तन फिलिस्तीन के राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। हालांकि, यह प्रक्रिया आसान नहीं होगी, क्योंकि इजरायल इस कदम का विरोध कर रहा है। वहीं, अमेरिका की गाजा को लेकर बनाई गई रणनीति भी इस मामले को और जटिल बना रही है। अब देखना होगा कि PA इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लेता है और अमेरिका तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय का इस पर क्या रुख रहेगा।

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