Russia Ukraine war : युद्धविराम का ऐलान, धर्मगुरु की अपील पर पुतिन ने लिया फैसला

नई दिल्ली : रूस और यूक्रेन का युद्ध पिछले 10 महीनों से जारी है. इस दौरान दोनों देशों ने एक भी विराम नहीं लिया है. गुरुवार रात पहली बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने युद्धविराम यानी सीजफायर का ऐलान किया है. 6 और 7 जनवरी को रूस की सेना यूक्रेन पर किसी भी तरह […]

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Russia Ukraine war : युद्धविराम का ऐलान, धर्मगुरु की अपील पर पुतिन ने लिया फैसला

Riya Kumari

  • January 5, 2023 10:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : रूस और यूक्रेन का युद्ध पिछले 10 महीनों से जारी है. इस दौरान दोनों देशों ने एक भी विराम नहीं लिया है. गुरुवार रात पहली बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने युद्धविराम यानी सीजफायर का ऐलान किया है. 6 और 7 जनवरी को रूस की सेना यूक्रेन पर किसी भी तरह का हमला नहीं करेगी. दो दिन तक दोनों देशों के बीच सीजफायर रहेगा। बता दें, पुतिन ने यह फैसला 76 साल के ईसाई धर्मगुरु पेट्रीआर्क किरिल की अपील के बाद लिया है.

इस कारण से लगा विराम

पिछले साल फ़रवरी से दोनों देशों के बीच जंग जारी है. 10 महीने से जारी इस जंग में पहली बार ऐसा देखने को मिला है जबी रूस ने सीजफायर का ऐलान किया। दरअसल दोनों ही देश दोनों देश ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस मनाते हैं. पूर्वी यूरोप के देशों जैसे रूस, ग्रीस, इथियोपिया और इजिप्ट में ये त्यौहार मनाया जाता है. हालांकि ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस और कैथोलिक चर्च में कुछ फर्क है.

बुनियादी तौर पर दोनों एक दूसरे से अलग हैं. यही कारण है कि जब पूरी दुनिया में कैथोलिक चर्च दिसंबर में क्रिसमस वीक मनाते हैं तो ऑर्थोडॉक्स चर्च इससे दूरी बनाए रहते हैं. 7 जनवरी को उनका क्रिसमस मनाया जाता है. क्योंकि उनका कैलेंडर भी अलग होता है. इतना ही नहीं कैथोलिक चर्च के प्रमुख को पोप और ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख को पेट्रीआर्क कहते हैं. ये ठीक उसी तरह हैं जिस तरह भारत में धर्माधिकारी होते हैं.

दो धाराओं में बंट गया था ईसाई धर्म

11वीं शताब्दी में ईसाई धर्म दो धाराओं में बंट गया था जहां एक रोमन कैथोलिक: जिसे ज्यादातर ईसाई मानते हैं बना और दूसरा ऑर्थोडॉक्स: इसे आमतौर पर रूसी ऑर्थोडॉक्स मानते हैं. हालांकि कई सालों बाद 2016 में पोप फ्रांसिस और पेट्रीआर्क किरिल की मैक्सिको में मुलाकात हुई. दोनों आपस में गले भी मिले थे. कहा जाता है कि दोनों धर्मों के धर्मगुरुओं में यह मुलाकात हजार साल बाद हुई थी.

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