रूस के न्यूक्लियर प्रमुख इगोर किरिलोव की मंगलवार को मॉस्को में एक धमाके में मृत्यु हो गई
नई दिल्ली : रूस के न्यूक्लियर प्रमुख इगोर किरिलोव की मंगलवार को मॉस्को में एक धमाके में मृत्यु हो गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, जनरल किरिलोव जब अपने अपार्टमेंट से बाहर निकल रहे थे, तभी पास में खड़े एक स्कूटर में जोरदार धमाका हुआ। इस धमाके में किरिलोव के साथ उनका सहायक भी मारा गया।
यह धमाका मॉस्को के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन से महज 7 किमी दूर हुआ। रूस की जांच एजेंसी ने बताया कि धमाके में 300 ग्राम TNT का उपयोग किया गया था। इस मामले में आपराधिक हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) से जुड़े एक सूत्र ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है।
इगोर किरिलोव को अप्रैल 2017 में रूस की न्यूक्लियर फोर्सेस का प्रमुख नियुक्त किया गया था। वे रूस के रेडिएशन, रासायनिक और जैविक हथियार विभागों के प्रमुख भी रह चुके थे।यह धमाका इतना तीव्र था कि इसकी वजह से इमारत की चारों मंजिलों की खिड़कियों के कांच टूट गए। UN टूल के अनुसार, 300 ग्राम TNT विस्फोटक से लगभग 17 मीटर (55 फीट) दूर स्थित कांच की खिड़की भी टूट सकती है। इसके अलावा, इस विस्फोटक से 1.3 मीटर दूर स्थित इमारत को भी नुकसान पहुंच सकता है। इगोर किरिलोव की मौत के बाद, रूसी संसद के उपाध्यक्ष ने कहा कि उनकी हत्या का बदला लिया जाएगा।
इगोर किरिलोव ने अक्टूबर 2024 में यूक्रेन पर अमेरिका के सहयोग से डर्टी बम बनाने का आरोप लगाया था। डर्टी बम में रेडियोएक्टिव सामग्री का उपयोग किया जाता है और इन्हें बनाने में कम खर्च आता है। इससे पहले, उन्होंने 2018 में अमेरिका पर रूस और चीन की सीमा के पास एक गुप्त जैविक हथियार प्रयोगशाला चलाने का आरोप भी लगाया था।
इस साल, अमेरिका ने रूस पर यूक्रेन में रासायनिक हथियारों के उपयोग का आरोप लगाया था। इसके जवाब में किरिलोव ने कहा था कि रूस ने सितंबर 2017 में ही अपने सभी रासायनिक हथियार नष्ट कर दिए थे, जबकि अमेरिका ने यह काम 2023 में किया था। वहीं, यूक्रेन की सुरक्षा सेवाओं (SBU) ने दावा किया कि रूस ने अब तक लगभग 5,000 बार रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है, जिनमें से 700 से अधिक बार यह घटना मई 2024 में हुई थी। कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को यूक्रेनी सुरक्षा सेवा ने किरिलोव को युद्ध में प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के आरोप में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।
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