नई दिल्ली. सर्दियों का मौसम आ गया है, ऐसे में चाहे बच्चे हो या बड़े कंबल में निकलने से हर कोई कतराता है. ऐसे में, इंग्लैंड में एक स्कूल ने उन बच्चों के खिलाफ एक अनोखा अभियान चलाया हुआ है, जो हमेशा ही क्लास बंक करते हैं. दरअसल, टीचर्स को सुबह-सुबह इन बच्चों के घरों […]
नई दिल्ली. सर्दियों का मौसम आ गया है, ऐसे में चाहे बच्चे हो या बड़े कंबल में निकलने से हर कोई कतराता है. ऐसे में, इंग्लैंड में एक स्कूल ने उन बच्चों के खिलाफ एक अनोखा अभियान चलाया हुआ है, जो हमेशा ही क्लास बंक करते हैं. दरअसल, टीचर्स को सुबह-सुबह इन बच्चों के घरों पर भेजा जा रहा है जिससे टीचर्स उन्हें उठा कर स्कूल ला सके. दरअसल, ये मामला पूर्वी लंदन के एक स्कूल का है, इस स्कूल ने बच्चों को स्कूल लाने के लिए एक अनोखा अभियान शुरू किया है. इस संबंध में स्कूल के स्टाफ का कहना है कि ये अभियान बच्चों के लिए बहुत ज़रूरी है क्योंकि बच्चे घंटों-घंटों स्कूल से गायब रहते थे, और बहुत से बच्चे तो ऐसे हैं जो स्कूल आते ही नहीं.
ज्यादा बच्चों के गायब होने के चलते कंबरलैंड कम्युनिटी स्कूल के टीचर्स और स्टाफ हर उस बच्चे के घर रोज़ जाते हैं जो स्कूल आते ही नहीं, इन बच्चों के घर जाकर टीचर्स उनके स्कूल न जाने की वजह पूछते हैं, हर सुबह स्कूल का स्टाफ मिनीबस में सवार होकर एब्सेंट रहने वाले बच्चों के घर जाती है और उन्हें जगाती है. ऐसे में, अगर कोई स्टूडेंट ऐसा है जो बीमार है और उसके पैरेंट्स ने इस संबंध में स्कूल को जानकारी भी दी है, तो भी स्टाफ उस बच्चे के घर जाकर सच्चाई की जांच करता है. घर पहुंचने पर अगर कोई टीचर्स का जवाब नहीं देता है या गेट नहीं खोलता है, तो टीचर्स एक नोट गेट पर छोड़ जाते हैं, जिसमें उनके आने की जानकारी दी गई होती है.
स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि कंबरलैंड कम्युनिटी स्कूल द्वारा चलाए गए इस अभियान का लक्ष्य ये भी है कि ये पता चल सके कि किसी पैरेंट ने पैसे न होने की वजह से अपने बच्चे की पढ़ाई नहीं छुड़वाई. खास बात तो ये है कि इस पॉलिसी ने काम करना भी शुरू कर दिया है, क्योंकि देशभर में इस स्कूल का रिजल्ट सबसे अच्छा हो गया है.
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