नई दिल्ली: किसी भी महिला के लिए मां बनना एक अलग ही खुशी देता है. इसके लिए महिला 9 महीनों में कई तरह के शारीरिक और मानसिक कष्ट सहती है, तब जाकर उसकी गोद भरती है, लेकिन मां बनने का सुख हर महिला के नसीब में नहीं होता है. ऐसे में वो कई तरह के उपाय ढूंढती है. इसके लिए डॉक्टरों से सलाह लेती है तब जाकर उसकी उसकी गोद भरती है. आज हम आपको एक ऐसे महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको जुड़वां बच्चे पैदा हुए, लेकिन दोनों बच्चों की मां अलग-अलग थीं. आपको बता दें कि महिला कंस्ट्रक्शन कंपनी की मालकिन है जबकि उसका पति बिजली मिस्त्री है. आखिर ये कैसे संभव हुआ? इसके लिए हर किसी के मन में सबसे पहले यही सवाल उठता है.
इस महिला का नाम एरिन क्लैंसी (42) है जो न्यूयॉर्क, अमेरिका में रहती हैं. एरिन क्लैंसी एक निर्माण कंपनी की मालकिन हैं. वे अपने 38 वर्षीय पति ब्रायन, बेटों डायलन (12 महीने) और डेक्लेन (6 महीने) के साथ रहती हैं. उन्होंने अपने जुड़वां बच्चों के जन्म के बारे में बताई है जिनमें से एक उनके गर्भ में और दूसरा एक सरोगेट जरिए इलिनोइस में पैदा हुआ. एरिन क्लैंसी ने बताया कि मैं ब्रायन से एक ऑनलाइन डेटिंग साइट के माध्यम से साल 2016 में मिली थी जो दूसरों का खयाल रखने वाला शख्स था, जिसकी लंबे समय से मुझे तलाश थी. हम एक-दूसरे से लगातार 3 साल तक मिलते रहे फिर उसने शादी के लिए प्रस्ताव रखा और इसके बाद हमने साल 2020 में शादी कर ली. शादी के 4 माह बाद जनवरी 2021 से हमने प्रेग्नेंसी की तैयारी शुरू कर दी और हमें लगा कि ये आसानी से हो जाएगा, लेकिन जैसा कि हमने आगे बताया कि कई महिलाओं को मां बनने का सुख प्राप्त नहीं होता. ऐसा ही कुछ एरिन क्लैंसी के साथ हुआ.
नैचुरल तरीके से प्रेग्नेंट न होने की वजह से एरिन क्लैंसी ने आईवीएफ का सहारा लिया, लेकिन उनका पहला प्रयास असफल रहा, लेकिन दूसरे में उसे सफलता मिल गई. हालांकि 28 दिन बाद ही एरिन क्लैंसी का गर्भपात हो गया. एरिन क्लैंसी ने बताया कि इसको लेकर मैं बहुत परेशान थी. इस स्थिति में हमारा ध्यान सरोगेसी की तरफ गया. काफी प्रयास करने के बाद हमें सरोगेसी के लिए एक महिला मिल गई जो इलिनोइस में रहती थी. मिलने के बाद हमने सरोगेसी की तैयारियां शुरू कर दीं, लेकिन उस माह एरिन क्लैंसी का पीरियड नहीं आया. जब उन्होंने चेक किया तो पता चाला कि वो प्रेग्नेंट हैं. दूसरी तरफ सरोगेसी से बच्चे को जन्म देने की सिलसिला भी जारी थी. एरिन क्लैंसी ने बताया कि मैं पहले प्रेग्नेंट हो गई थी, इसलिए हमने सरोगेसी को भी जारी रखने का फैसला किया.
एरिन क्लैंसी ने बताया कि जब उनकी प्रेग्नेंसी के 42 दिन हुए तो ब्लिडिंग होने लगी, लेकिन अस्पताल में बताया कि बच्चा सुरक्षित है. हालांकि उनके अंदर डर बना हुआ था कि कुछ भी हो सकता है. इस स्थिति में जब वो 6 माह की गर्भवती थीं तब सरोगेट महिला में सफल भ्रूण प्रत्यारोपित किए गए, जिसके 7 दिन बाद एरिन क्लैंसी का आल्ट्रासाउंड हुआ, जिसमें उनके पेट में पल रहा बच्चा भी सुरक्षित था. ऐसे में एरिन क्लैंसी ने तुरंत अपने पति ब्रायन को फोन कर बताया कि हमारे दो बच्चे होने वाले हैं. एक तरफ एरिन क्लैंसी ने अपने बड़े बेटे डायलन को जन्म दिया तो दूसरी तरफ सरोगेट महिला लगातार अपने हेल्थ जानकारी देती रही. एरिन क्लैंसी ने बताया कि मेरा पेट बढ़ रहा है, जबकि मेरा दूसरा बच्चा दूसरी महिला के शरीर में पल रहा था. हालांकि दोनों जैविक रुप से जुड़वां नहीं थे लेकिन एक ही समय पर आईवीएफ के लिए स्पर्म दिए गए थे.
एरिन क्लैंसी ने बताया कि जब हमारा बड़ा बेटा डायलन 6 माह का था तब सरोगेसी से डेक्लेन का जन्म हुआ. इसके बाद हम उसके पास गए और मैं उसे गोद में लिया और इस बात पर मुझे यकीन ही नहीं हुआ. बांझपन से मैं अब दो स्वस्थ लड़कों की मां बन चुकी थी.
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