नई दिल्ली। भारत ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन द्वारा कश्मीर मुद्दे पर दिए गए बयान को सख्ती से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने इसे अनुचित और अस्वीकार्य बताया तथा नई दिल्ली स्थित तुर्की के राजदूत के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात के दौरान कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप हल करने की बात कही। पिछले दो वर्षों से इस मुद्दे पर चुप रहने के बाद एर्दोगन ने इसे फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम भारत के आंतरिक मामलों पर इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणियों को खारिज करते हैं। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और किसी अन्य देश को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।”
आपको बता दें भारत और तुर्की के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण रहे हैं। 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भी एर्दोगन ने कश्मीर मुद्दे को उठाया था, जिस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। अब इस नए बयान से दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों में और खटास आने की संभावना है।
भारत हमेशा से कश्मीर को अपना आंतरिक मामला मानता है और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को खारिज करता है। एर्दोगन के ताजा बयान से भारत नाखुश है और इसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ सकता है।
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