नई दिल्ली। तुर्की में भूकंप से अबतक 8000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं। इस विनाशकारी भूकंप के बाद जो मंजर दिखाई दे रहा है वह बेहद दर्दनाक है। इस बीच तुर्की में आ रहे लगातार भूकंप के कारण कई विशेषज्ञों ने तुर्की के 10 फीट तक खिसकने की बात कहीं है। जानकारों […]
नई दिल्ली। तुर्की में भूकंप से अबतक 8000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं। इस विनाशकारी भूकंप के बाद जो मंजर दिखाई दे रहा है वह बेहद दर्दनाक है। इस बीच तुर्की में आ रहे लगातार भूकंप के कारण कई विशेषज्ञों ने तुर्की के 10 फीट तक खिसकने की बात कहीं है। जानकारों के अनुसार तुर्की में आया भूकंप इतना ज्यादा ताकतवर था कि इससे तुर्की देश 10 फीट तक खिसक गया।
इटली के भूकंप विज्ञानी डॉ कार्ल डोग्लियोनी ने बताया कि सीरिया की तुलना में तुर्की की टेक्टोनिक प्लेट्स पांच से छह मीटर तक खिसक सकती है। दरअसल तुर्की कई प्रमुख फॉल्टलाइन पर स्थित है, जो एनाटोलियन, अरेबियन और यूरेशियन प्लेट से जुड़ा हुआ है, जिस वजह से यहां भूकंप आने का जोखिम अधिक रहता है, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एनाटोलियन प्लेट और अरेबियन प्लेट के बीच की 225 किलोमीटर की फॉल्टलाइन टूट गई है। जिसके कारण आगे भी लगातार बड़े भूकंप आने की आशंका बनी हुई है।
कार्ल ने आगे कहा कि, अभी सिर्फ शुरूआती डेटा के आधार पर ऐसा कहा जा रहा है। अगले कुछ दिनों में सैटेलाइट्स से अधिक सटीक जानकारी मिल पाएगी। डरहम यूनिवर्सिटी के स्ट्रक्चरल जियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ बॉब होल्ड्सवर्थ ने कहा कि भूकंप की तीव्रता को देखते हुए टेक्टोनिक प्लेट का शिफ्ट होना तर्कसंगत है। भूकंप की तीव्रता और टेक्टोनिक प्लेट के खिसकने के बीच सीधा- सीधा संबंध होता है।
बता दें, सोमवार तड़के सवा चार बजे के बाद से लेकर अब तक तुर्की में 550 बार धरती कांप चुकी है। तुर्की और सीरिया में अब तक भूकंप से 6200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रपति अर्देगन ने देश के दस प्रांतों में तीन महीने के लिए इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। स्कूलों को 13 फरवरी के लिए बंद कर दिया गया है। भारत समेत 70 देशों ने तुर्की के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है।
तुर्की चार टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन पर बसा हुआ है। इसलिए किसी भी प्लेट में जरा सी हलचल पूरे इलाके को हिला देती है। तुर्की का ज्यादातर हिस्सा एनाटोलियन माइक्रोप्लेट्स पर है। इस प्लेट के पूर्व में ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट है, वही बाई तरफ अरेबियन प्लेट है। दक्षिण और दक्षिण- पश्चिम में अफ्रीकन प्लेट है, जबकि उत्तर की दिशा पर यूरेशियन प्लेट है।