नई दिल्ली: कई देशों ने भूकंप प्रभावित देश में वित्तीय मदद और उपकरण भेजे हैं. भारत ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर तुर्की की मदद के लिए राहत सामग्री भेजी है जिसमें 50 से अधिक NDRF कर्मी और 99 सदस्यों की मेडिकल टीम शामिल है. ये राहत सामग्री और मदद विमान के जरिये […]
नई दिल्ली: कई देशों ने भूकंप प्रभावित देश में वित्तीय मदद और उपकरण भेजे हैं. भारत ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर तुर्की की मदद के लिए राहत सामग्री भेजी है जिसमें 50 से अधिक NDRF कर्मी और 99 सदस्यों की मेडिकल टीम शामिल है. ये राहत सामग्री और मदद विमान के जरिये पहुंचाई गई है. दो विमानों से सभी कर्मी, मेडिकल दल तुर्की पहुंचे हैं.
ध्यान देने वाली बात ये है कि इन विमानों ने उड़ान भरते समय पाकिस्तान हवाई क्षेत्र से परहेज किया. दरअसल सैन्य विमान मानक संचारक प्रक्रिया के तहत पड़ोसी देश के ऊपर से उड़ान नहीं भरते हैं. भारतीय वायु सेना के एक अधिकारी ने साफ किया कि प्रक्रिया के अनुरूप ही पाकिस्तान हवाई क्षेत्र से गुजरने पर परहेज किया गया है. वायु सेना के अधिकारी ने स्पष्ट किया कि भारतीय वायु सेना के विमान मानक प्रक्रिया की वजह से यूरोप या पश्चिम एशिया जाते समय पाकिस्तान के ऊपर से उड़ान नही भरते हैं. इसलिए तुर्की जाते समय भारतीय सेना के विमान ने गुजरात के ऊपर से लंबा रास्ता तय किया.
हालांकि पहले इस बात की अटकलें लगाई गईं की तुर्की और सीरिया को मदद सामग्री भेजने पर पाकिस्तान ने अड़ंगा लगाया है. लेकिन बाद में भारतीय वायु सेना ने इस बात को साफ कर दिया.
आंकड़ों के अनुसार इस भूकंप से अबतक 1.5 करोड़ लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. 6 हजार से अधिक इमारतों को इन झटकों से नुकसान पहुंचा है. देश का यातायात बुरी तरह से ठप्प हो गया है जहां तुर्की के तीन बड़े एयरपोर्ट बर्बाद हो चुके हैं. रनवे पर गहरी दरारें पड़ चुकी है जिस कारण प्लेन की लैंडिंग करवाना मुश्किल नहीं असंभव है. तुर्की में आए इस भूकंप के बाद दुनिया भर के 84 देश उसकी मदद के लिए आगे आए हैं. भारत ने भी NDRF की दो टीमें मदद के लिए रवाना की हैं.
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