नई दिल्ली: तुर्की और सीरिया में हर ओर तबाही का मंजर देखने को मिल रहां है. पूरा शहर मलबे में ढका हुआ है. मलबों से शवों को निकालने का सिलसिला भी लगातार जारी है. अब तक 8000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और ये आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. आशंका जताई जा रही […]
नई दिल्ली: तुर्की और सीरिया में हर ओर तबाही का मंजर देखने को मिल रहां है. पूरा शहर मलबे में ढका हुआ है. मलबों से शवों को निकालने का सिलसिला भी लगातार जारी है. अब तक 8000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और ये आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हजार तक जा सकती है. इस दौरान जो कहानियां निकलकर आ रही हैं वो तुर्की भूकंप का वो चेहरा दिखा रही हैं जिसे देख कर शायद आपका भी दिल दहल उठेगा. इस समय मासूम भाई-बहन का वीडियो सामने आया है जिसे देख कर आपका भी दिल पसीज जाएगा.
उत्तरी सीरिया से यह वीडियो सामने आया है जिसमें मलबे के नीचे दबी बच्ची को देखा जा सकता है. छोटी सी मासूम बच्ची 36 घंटे से मलबे के नीचे गोद में अपनी भाई को लिए हुए है. वह गुहार लगा रही है कि उसे और उसके भाई को इस मुसीबत से बाहर निकाल लिया जाए. दरअसल सीरिया में हरम शहर के पास छोटा सा गांव है बेसनया-बसईनेह ये वीडियो वहीं का बताया जा रहा है. रेस्क्यू टीम जब यहां पहुंची तो उन्होंने देखा कि एक बच्ची और उसका छोटा भाई मलबे के नीचे ज़िंदा दबे हुए हैं.
इस दौरान बच्ची ने बचावकर्मी कहा, मुझे यहां से बाहर निकाल लें, आप जो कहेंगे मैं करूंगी, जीवन भर आपकी नौकर बनकर रहूंगी.” बच्ची की इस मार्मिक विनती पर बचावकर्मी ने जवाब में ‘नहीं, नहीं’ कहा. जानकारी के अनुसार बच्ची और उसके भाई को बाहर निकाल लिया गया है. बच्ची का ना मरियम है। उसने बताया कि जब भूकंप आया तब वह और उसका भाई बिस्तर पर सो रहे थे. बच्ची के भाई का नाम इलाफ है. बच्ची के पिता मुस्तफा जुहैर अल-सईद ने बताया कि उसने महसूस किया कि धरती हिल रही है और अचानक मलबा उसके परिवार पर आकर गिर गया. मलबे में दबे होने पर वे जोर-जोर से कुरान पढ़ रहे थे ताकी कोई उनकी मदद के लिए आ सके.
कई देशों ने भूकंप प्रभावित देश में वित्तीय मदद और उपकरण भेजे हैं. भारत ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर तुर्की की मदद के लिए राहत सामग्री भेजी है जिसमें 50 से अधिक NDRF कर्मी और 99 सदस्यों की मेडिकल टीम शामिल है. ये राहत सामग्री और मदद विमान के जरिये पहुंचाई गई है. दो विमानों से सभी कर्मी, मेडिकल दल तुर्की पहुंचे हैं.
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