नई दिल्ली : सोमवार(27 फरवरी) को एक बार फिर से तुर्की के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में भूकंप के झटके महसूस किए गए. इस भूकंप की तीव्रता 5.6 दर्ज़ की गई. इस भूकंप की वजह से तुर्की में 29 इमारतें जमींदोज हो गई हैं. एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है. ख़बरों की मानें तो […]
नई दिल्ली : सोमवार(27 फरवरी) को एक बार फिर से तुर्की के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में भूकंप के झटके महसूस किए गए. इस भूकंप की तीव्रता 5.6 दर्ज़ की गई. इस भूकंप की वजह से तुर्की में 29 इमारतें जमींदोज हो गई हैं. एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है. ख़बरों की मानें तो इन झटकों में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि अन्य 69 घायल हो गए हैं. देश की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने जानकारी दी कि कई लोग मलबे में फंसे हो सकते हैं.
गौरतलब है कि तुर्की इस समय लगातार भूकंप के झटके झेल रहा है. अब तक इन विनाशकारी झटको में 50 हजार से अधिक लोग जान गवा चुके हैं. सबसे पहले 6 फरवरी को देश में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. जानकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र मालत्या प्रांत के येसिलर्ट शहर में स्थित था. हैरानी की बात ये है कि तीन सप्ताह के बाद भी भूकंप का सिलसिला जारी है.
अब तक कई बार तुर्की की धरती पर कंपन महसूस किया जा चुका है. सोमवार को जो भूकंप आया उसका केंद्र 6.15 किमी की गहराई पर स्थित था. इस दौरान कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. जहां एक स्थानीय समाचार एजेंसी द्वारा शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे बचाव दल ने स्ट्रेचर से बंधे एक व्यक्ति को किस तरह मलबे से निकाला. इसके कुछ ही देर बाद एक महिला को बाहर निकालते हुए देखा जसा सकता है. महिला उसी शख्स की बेटी बताई जा रहे है.
बता दें कि तुर्की और सीरिया के भूंकप प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की संभावना है। जैसे-जैसे वक्त बीतता जा रहा है लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीदें कम होती जा रही है। इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि अगर मलबे में कुछ लोग जिंदा बचे भी होंगे तो वो इन चार दिनों में भूख, प्यास और ठंड की वजह से मर गए होंगे।
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