नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में भीषण भूकंप के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 15000 के करीब पहुंच गई हैं। इसके अलावा घायलों की संख्या 80 हजार से भी अधिक हो गई है। अभी बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। ऐसे में मृतकों और घायलों की संख्या में […]
नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में भीषण भूकंप के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 15000 के करीब पहुंच गई हैं। इसके अलावा घायलों की संख्या 80 हजार से भी अधिक हो गई है। अभी बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। ऐसे में मृतकों और घायलों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हो सकती है।
इस बीच वहां बचावकर्मी मलबे में फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। वहीं मौसम खराब होने के चलते बचाव कार्य में जुटे कर्मियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच जैसे-जैसे वक्त बीतता जा रहा है वैसे ही मलबे से लोगों के जिंदा निकलने की उम्मीद कम होती जा रही है। इस कारण मृतकों की संख्या में भी लगातार इजाफा होने की आशंका है।
बता दें, कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दोनों देशों में भूंकप की वजह से मौत का आंकड़ा 20 हजार के पार जा सकता है। अभी तक तुर्की में 8,754 लोगों की जान चुकी है और 35 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं, वहीं सीरिया में 2,662 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और 4 हजार से ज्यादा लोग जख्मी हैं। दोनों देशों में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 60 हजार से ज्यादा बचावकर्मी तैनात हैं।
भूकंप से प्रभावित सीरिया को भारत ने 6 टन से अधिक राहत सामग्री सौंपी जिसमें जरूरी दवाएं और चिकित्सा उपकरण शामिल है। राहत सामग्री की खेप मंगलवार रात को सैन्य परिवहन हवाई जहाज सी-130J के जरिये भेजी गयी थी। भारत के प्रभारी अधिकारी एस के यादव ने इसे सीरियाई अधिकारियों को सौंप दिया है।
भारत विनाशकारी भूकंप के मद्देनजर पहले ही तुर्की को राहत सामग्री भेज चुका है। मंगलवार को चार सी-17 ग्लोबमास्टर सैन्य परिवहन विमानों के जरिये राहत सामग्री के तहत एक चलित अस्पताल और तलाश एवं बचाव कार्य विशेषज्ञ दल को भेजा गया था।