अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों पर अपनी सख्ती दिखाई है. बुधवार को एक इंटरव्यू में ट्रंप ने दावा किया कि उन्हें पूरा भरोसा है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर लगने वाले टैरिफ में कटौती करेगा.
Donald Trump on Reciprocal Tariff on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों पर अपनी सख्ती दिखाई है. बुधवार को एक इंटरव्यू में ट्रंप ने दावा किया कि उन्हें पूरा भरोसा है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर लगने वाले टैरिफ में कटौती करेगा. ट्रंप ने कहा ‘मुझे विश्वास है कि भारत शायद उन टैरिफों को काफी हद तक घटाएगा. लेकिन 2 अप्रैल से हम उन्हें वही टैरिफ लगाएंगे जो वे हमें लगाते हैं.’ यह बयान उनकी उस घोषणा के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि 2 अप्रैल 2025 से उन देशों पर प्रतिशोधात्मक (रेसिप्रोकल) टैरिफ लागू होंगे जो अमेरिकी आयात पर भारी शुल्क थोपते हैं. इस बीच ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत ने टैरिफ कम करने की सहमति दे दी है. क्या वाकई भारत अमेरिकी दबाव में झुकेगा?
ट्रंप ने भारत को पहले ‘टैरिफ किंग’ और ‘बड़ा दुर्व्यवहार करने वाला’ करार दिया था. व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने भारत में व्यापार की चुनौतियों का जिक्र किया था. अब उन्होंने कहा ‘भारत हम पर बहुत भारी टैरिफ लगाता है. आप वहां कुछ भी बेच नहीं सकते… लेकिन अब उन्होंने सहमति दी है कि वे अपने टैरिफ को बहुत कम करेंगे क्योंकि अब कोई तो है जो उन्हें उनके किए हुए के लिए उजागर कर रहा है.’ ट्रंप का यह बयान न केवल भारत के व्यापारिक रुख पर सवाल उठाता है बल्कि उनकी नीति की आक्रामकता को भी दर्शाता है. उनका मानना है कि उनकी सख्ती के कारण ही भारत टैरिफ कम करने को तैयार हुआ है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भी भारत की टैरिफ नीति पर तंज कसा. उन्होंने कहा ‘भारत में अमेरिकी शराब पर 150 प्रतिशत टैरिफ है. क्या आपको लगता है कि इससे क्यूंटकी बोरबन को भारत में निर्यात करने में मदद मिल रही है? मुझे नहीं लगता. इसके अलावा भारत कृषि उत्पादों पर 100 प्रतिशत टैरिफ भी लगाता है.’ यह टिप्पणी ट्रंप प्रशासन के उस रुख को मजबूत करती है जिसमें वे भारत के उच्च टैरिफ को अमेरिकी व्यापार के लिए बाधा मानते हैं. ट्रंप ने भारत के साथ 100 अरब डॉलर के व्यापार घाटे का हवाला देते हुए कहा कि इस असंतुलन को दूर करने के लिए वार्ता शुरू की जाएगी.
ट्रंप की यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब अमेरिका 2 अप्रैल से कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने की तैयारी कर रहा है. ट्रंप का कहना है कि अगर भारत अपने टैरिफ नहीं घटाता तो अमेरिका भी भारतीय उत्पादों पर वैसा ही शुल्क लगाएगा. इससे पहले ट्रंप ने दावा किया था कि उनकी सख्त नीति के चलते भारत ने टैरिफ कम करने की इच्छा जताई है. हालांकि भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. सवाल यह है कि क्या भारत वाकई इस दबाव में झुकेगा या अपनी आर्थिक नीतियों पर अडिग रहेगा? यह बाद में ही पता चलेगा.
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