बता दें कि नाटो के देश इस वक्त अपनी सेना को मजबूत करने में लगे हुए हैं। नाटो देश अब अपने पुराने लड़ाकू विमानों के बेड़े को बदलना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने पहले अमेरिका के स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35 को खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन अब वो अपने प्लान पर पुनर्विचार कर रहे हैं।
नई दिल्ली। अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप लगातार दूसरे देशों को धमका रहे हैं कि वो उन पर टैरिफ लगा देंगे। वह लगातार जेलेंस्की पर रूस-यूक्रेन युद्ध में संघर्ष विराम के लिए भी दबाव बना रहे हैं। ट्रंप ने जेलेंस्की पर युद्ध में यूक्रेन की मदद करने के बदले खनिज संसाधनों का इस्तेमाल करने का भी दबाव बनाया है। अमेरिका के रुख में आए इस बड़े बदलाव को देखते हुए अब नाटो के सदस्य देश बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं, जिससे डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लग सकता है।
बता दें कि नाटो के देश इस वक्त अपनी सेना को मजबूत करने में लगे हुए हैं। नाटो देश अब अपने पुराने लड़ाकू विमानों के बेड़े को बदलना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने पहले अमेरिका के स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35 को खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन अब वो अपने प्लान पर पुनर्विचार कर रहे हैं। फिलहाल अमेरिका के अलावा उसके 19 सहयोगी देश एफ-35 लड़ाकू विमान का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें नाटो देशों के साथ-साथ दक्षिण कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया और इजरायल शामिल हैं।
नाटो देश पहले अमेरिका के F-35 फाइटर जेट खरीदना चाहते थे और सेना के बेड़े से पुराने अमेरिकी, यूरोपीय और सोवियत युग के फाइटर प्लेन को हटाना चाहते थे, लेकिन वैश्विक स्तर पर बने हालात के बाद अब वे इस फैसले पर फिर से सोचने को मजबूर हो गए हैं। इसके लिए कई देशों ने अब फैसले पर फिर से विचार करने की बात कही है।
पुर्तगाल ने पहले अमेरिका के F-35 फाइटर जेट खरीदने की योजना बनाई थी। उसने 28 अमेरिकी F-16 की जगह F-35 लेने के बारे में सोचा था, लेकिन अब उसके रक्षा मंत्री ने हाल ही में नाटो को लेकर अमेरिका के रुख की ओर इशारा किया है। कनाडा ने भी अमेरिका से 88 F-35 खरीदने के लिए करीब 13 बिलियन डॉलर का सौदा किया था, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी के बाद नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इस फैसले की समीक्षा करने का आदेश दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा को F-35 की पहली खेप 2026 तक मिलनी थी और इनमें से 16 फाइटर जेट के लिए भुगतान भी हो चुका है। कनाडा के रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने कहा है कि वे पहले बैच को स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन अब पूरा ऑर्डर नहीं लेंगे। अब कनाडा स्वीडिश निर्मित साब ग्रिपेन जैसे लड़ाकू विमानों को खरीदने के बारे में विचार करेगा। कनाडा और पुर्तगाल की तरह जर्मनी ने भी 35 लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया था, लेकिन अब उसका ऑर्डर पर भी कैंसिल हो सकता है।
गौरतलब है कि अमेरिका का F-35 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है, जो अपनी अविश्वसनीय गति और उन्नत तकनीक के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यह लड़ाकू विमान सभी मौसम में काम करने वाला स्टील्थ मल्टीरोल फाइटर जेट है, जो इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, जासूसी, निगरानी, टोही जैसे मिशन भी आसानी से पूरे कर सकता है। F-35 को हवाई श्रेष्ठता और स्ट्राइक मिशन के लिए डिज़ाइन किया गया है। F-35 के तीन वेरिएंट हैं – पहला है कन्वेंशनल टेक-ऑफ और लैंडिंग (CTOL), इसे F-35A कहा जाता है। दूसरा है शॉर्ट टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (STOVL), इसे F-35B भी कहते हैं। तीसरा है कैरियर बेस्ड यानी F-35C। एफ-35 लड़ाकू विमानों का निर्माण अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन कंपनी करती है।