नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप ने बहुमत हासिल कर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है.ट्रंप की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को फोन कर बधाई दी. मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर ट्रंप को अपना ‘दोस्त’ बताया है. जिसके बाद लोग भारत और अमेरिका के बीच संबंधों के और बेहतर होने की बात कर रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी भारत के साथ उनके रिश्ते काफी अच्छे थे. हालांकि इस बार भारत और अमेरिका के बीच धार्मिक मामलों को लेकर तनाव हो सकता है.
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक भाषण में ईसाई धर्म को लेकर कुछ ऐसा कहा है, जिससे भारत में तनाव हो सकता है. दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह ईसाई धर्म को आगे बढ़ाएंगे और ईसाई धर्म को बढ़ावा देंगे. भारत में इसे लेकर स्थिति अलग है. भारत में ईसाई धर्म के लोगों पर अक्सर हिंदू अनुयायियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगता रहा है.ट्रम्प का ईसाई धर्म प्रचारक आधार अपने वैश्विक धर्मांतरण मिशन को जारी रखने के लिए जगह चाहता है. दूसरी तरफ अमेरिकी सीनेट की विदेश संबंध समिति के भावी अध्यक्ष जिम रिश की भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और चर्च फंडिंग पर प्रतिबंधों के संबंध में अपनी चिंताएं और उद्देश्य हैं.
भारत में इस बात को लेकर साफ है कि इस प्रकार का ईसाई नेटवर्क भारतीय सभ्यता के लिए ख़तरा है.आज भी भारत के कई हिस्सों में प्रलोभन और धोखा देकर बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन की खबरें आती रहती हैं. इस मुद्दे को लेकर भारत और अमेरिका के बीच कुछ तनाव हो सकता है. क्योंकि दोनों देश अपने-अपने हित समूहों और अपने-अपने वैचारिक विश्व दृष्टिकोण के साथ आगे आ रहे हैं.
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