जापान के ट्रांस्पोर्ट मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2016 में ट्रेनों से टकराने के कारण लगभग 600 हिरनों की मौत हुई है. जिसके कारण देरी होने से यात्रियों के अपनी मंजिल पर पहुंचने में 30 मिनट अधिक लग है.
टोक्यो. जापान की ट्रेनों को उनकी तेजी के लिए विश्वभर में जाना जाता है. तेजी ऐसी कि 320 किलोमीटर के सफर को जादूई तरीके से एक घंटे में पूरा कर दे. लेकिन ट्रेनों की इसी तेजी के कारण उसके रास्ते में आने वाले जंगली जानवरों खासकर हिरनों को अपनी जान गवांनी पड़ती है. ऐसे में हिरनों की संख्या बढ़ने से उनके ट्रेन हादसों की चपेट में आने के मामले काफी बढ़ गए थे. रेलवे टेक्निकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के रिसर्चर्स ने इसके लिए ट्रेनों में जानवरों की आवाज का हॉर्न लगा दिया है जिससे कि तेजी से चलती ट्रेनों के आगे से हिरनों को डराकर हटाया जा सके. इस हॉर्न को इस तरह तैयार किया गया है कि इसमें 20 सेकेंड तक कुत्तों के भौंकने की आवाज आएगी.
क्योंकि आम तौर पर हिरनों को शाम के वक्त देखा जाता है इसलिए ट्रेन में ये अजीबो गरीब हॉर्न शाम और रात के वक्त बजाए जाएंगे. प्रशासन ने तर्क दिया है कि हिरन इस तरह की आवाज निकाल कर हिरन एक दूसरे को खतरे से सतर्क करते हैं. बताया जा रहा है कि इस प्रयोग के बाद से हिरनों के दिखाई दिए जाने में 45% की कमी आई है. प्रशासन का कहना है कि इस तरीको को 2019 से पूरी तरह अपनाया जाएगा. जापान के ट्रांस्पोर्ट मंत्रालय के अनुसार साल 2016 में हिरनों के ट्रेनों से टकराने से लगभग 600 हिरनों की मौत हुई है. जिसके कारण यात्रियों के अपनी मंजिल पर पहुंचने में 30 मिनट अधिक लग है.
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