नई दिल्ली: किसी भी रिसर्च के निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए शोधकर्ता किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते हैं. इसके लिए वह कड़ी मेहनत करते हैं. इसको लेकर ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. पेरन रॉस को ही ले लीजिए. उन्होंने डेंगू पर खास रिसर्च शुरू की है जिसका वीडियो खूब वायरल हो […]
नई दिल्ली: किसी भी रिसर्च के निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए शोधकर्ता किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते हैं. इसके लिए वह कड़ी मेहनत करते हैं. इसको लेकर ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. पेरन रॉस को ही ले लीजिए. उन्होंने डेंगू पर खास रिसर्च शुरू की है जिसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है. उनकी रिसर्च का तरीका बेहद अनोखा और साहसी है. क्योंकि वह रोजाना खुद को सैकड़ों मच्छरों से कटवाते हैं. वायरल वीडियो में उन्हें मच्छरों से भरे कांच के एक बॉक्स में अपने हाथ को डालते हुए देखा जा सकता है.
डॉ. पेरन रॉस का कहना है कि रोजाना लगभग 500 मच्छरों से वे खुद को कटवाते हैं. कभी-कभी यह आंकड़ा 15 हजार तक भी पहुंच जाता है. इस दर्दनाक प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह है कि इन मच्छरों के काटने से उन्हें डेंगू होता है या नहीं. वायरल वीडियो में यह कहते हुए डॉ. रॉस को सुना जा सकता है कि दुनिया में इससे सुखद एहसास और कुछ नहीं.
डॉ. पेरन रॉस ने बताया कि रिसर्च की अहम प्रक्रिया के तहत लैब में मच्छरों के अंडों में बैक्टीरिया इंजेक्ट किया जाता है. इसके बाद संक्रमित अंडों से निकले मादा मच्छर डेंगू फैलाने में असमर्थ होते हैं. वहीं इन मच्छरों से डॉ. रॉस खुद को कटवाकर यह जांच करते हैं कि क्या वे उससे डेंगू संक्रमित हुए या नहीं. वह इस तरह यह पता लगाते हैं कि बैक्टीरिया युक्त मच्छर डेंगू फैलाने वाले मच्छरों को रोकने में सक्षम हैं या नहीं.
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