नई दिल्ली। इस्लामिक देश इराक कठमुल्लेपन पर उतर आया है। इराक की संसद में लड़कियों की शादी की उम्र घटाकर 9 साल करने का बिल पेश किया गया है। इस बिल की वजह से इराक में बवाल शुरू हो गया है। प्रस्ताव को लेकर मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता व्यक्त की है। सदन […]
नई दिल्ली। इस्लामिक देश इराक कठमुल्लेपन पर उतर आया है। इराक की संसद में लड़कियों की शादी की उम्र घटाकर 9 साल करने का बिल पेश किया गया है। इस बिल की वजह से इराक में बवाल शुरू हो गया है। प्रस्ताव को लेकर मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता व्यक्त की है।
आपको बता दें कि 1959 के पर्सनल स्टेटस एक्ट के अनुसार इराक में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल तय हुई थी। अगर नया विधेयक प्रभावी हो जाता है तो यह उम्र आधा हो जायेगा। यूनिसेफ के आंकड़ों के मुताबिक ईराक में 28 फीसदी लड़कियों की शादी समय से पहले कर दी जाती है। अगर यह प्रस्ताव सदन से पारित हो जाता है तो संख्या और तेजी से बढ़ेगी।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने बिल पर गहरी चिंता जताई है। ह्यूमन राइट्स वॉच की शोधकर्ता सारा सैनबर का कहना है कि इराक की सामाजिक प्रगति में इससे रूकावट आएगी। यह विधेयक न सिर्फ इराक को पीछे कर देगा बल्कि लड़कियों के शिक्षा और समानता के अवसरों का हनन होगा।
विशेषज्ञों की माने तो इससे इराक में शिया और सुन्नी के बीच संघर्ष भी बढ़ेगा। जैसे ही धार्मिक कानून लागू होंगे तो पारिवारिक मामलों में कलह देखने को मिलेगी। इस बिल को कैबिनेट में समर्थन मिला लेकिन कई सांसदों ने विरोध जताया तो इसे वापस ले लिया गया। हालांकि इसे फिर से पेश किया गया है। यह बदलाव लड़कियों के अधिकारों का गला घोंटने वाला है। जिस वजह से इसे लेकर विवाद शुरू हो चुका है।
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